अब मैं पति को रोज देती हूं (Desi garam kahani) | Hindi antarvasna kahani

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Ab Me Roz Deti Hoon - Mastram Ki Kahani
Ab Me Roz Deti Hoon - Mastram Ki Kahani

दोस्तों ये कहानी बहुत ही खूबसूरत, हॉट और कसे हुए जिस्म वाली सुमन की है, जिसका पति के साथ आये दिन कलेश चलता रहता था। कारण था पति की जिस्मानी जरूरत को पूरा नहीं कर पाना। पति जब भी सुमन को कहता मेरा मामला टाइट है आओ चले मामला जमाते हैं। तो हमेशा सुमन ना-नुकुर करने लगती थी। आखिर सारा माजरा क्या था, क्यों सुमन पति के मांगेन पर उसे देती नहीं थी, जबकि ये तो उसके पति का अधिकार था। आइए सुनते हैं खुद सुमन की कहानी सुमन की जुबानी…

आप यह सेक्सी कहानी MastRamKiKahani.com पर पढ़ रहे हैं..

हैलों दोस्तों। मेरा नाम सुमन है। मैं 26 साल की शादीशुदा युवती हूं। मेरा एक बेटा भी है जो अभी बस एक साल का है। दोस्तों मैं जो कहानी आपको सुनाने जा रही हूं वो मेरे पति और मेरी कहानी है। रोज रात को बेडरूम में होने वाले हमारे बीच के कलेश की कहानी है। क्या कहानी है? कैसी कहानी है? तो सुनिए? क्या होता है रोज रात को जब मेरे पति बेडरूम में मेरे करीब आते हैं..

“आह.. ओह… छोड़ो ना.. प्लीज मेरा मूड बिल्कुल नहीं है… और ये क्या मुझे बिना जगाये सीधा अपना सख्त मामला अंदर कर दिया.. हाथ जोड़ती हूं रहने दो।”

मेरे पति सुनील बोले.. “हाथ तो मैं भी जोड़ता हूं तुम्हारे रोज.. आ जाओ.. एक बार मेरी इच्छा पूरी कर दो.. मेरा बहुत मन कर रहा है.. मुझे कर लेने दो अपने मन की.. तब तुम कौन सा मेरी सुनती हो.. जो आज मैं तुम्हारी सुनूं।”

दोस्तों इस बात का मेरे पास कोई जवाब नहीं होता था.. क्योंकि वो जो भी कह रहे थे, सब सच कह रहे थे। दरअसल मैं एक घरेलू महिला हूं। साथ ही ज्वाइन्ट फैमिली में रहती हूं। दिनभर के घरेलू काम काज, बाहर के भी बाजारू काम काज, घर के लोगों की सेवा। फिर बच्चे की देखभाल। सारा दिन बस इसी में निकल जाता था। ऐसे में जब रात को पति की जिसमानी सेवा करने की बात आती थी, तो मेरा शरीर जवाब दे जाता था।

इतना ही नहीं दोस्तों हम लड़कियों और महिलाओं के साथ और भी कई समस्याएं लगी रहती हैं। जैसे कभी-कभी पीरियड्स टाइम पर नहीं आना। अगर आये भी तो बहुत ज्यादा आना। बिलिडिंग ज्यादा होना। बदन दर्द, सिर दर्द, थकान, कमजोरी, ऐसे में चिड़चिड़ापन आ जाना। इसके अलावा मुझे सफेद पानी की समस्या भी रहती थी। अब आप ही बताइए ऐसे में क्या एक पत्नी अपने पति की इच्छा को पूरा कर पायेगी। फिर भी जितना हो सकता था, उनकी इस इच्छा को पूरा करती थी। लेकिन दिल से नहीं, केवल उनकी खुशी के लिए।

एक दिन फिर मेरे पति आये और मुझे रात को 2 बजे जगाकर बोले, “कल सन्डे है मेरी छुट्टी है। इसलिए देर रात को भी हम प्यार करेंगे तो चलेगा।”

मैं बोली, “सन्डे तुम्हारे लिए होगा। मेरे लिए तो सन्डे के दिन काम और भी बढ़ जाता है। सब घर पर ही रहते हैं और उनकी सभी जरूरतें मुझे ही पूरी करनी होती है। तुम्हारा क्या है। तुम तो मुझे सारी रात जगाकर मजे लेकर सुबह 12 बजे तक सोते रहोगे। अगले दिन हालत तो मेरी ही बुरी होगी ना।”

लेकिन आज लगता था, मानो पति कुछ सुनने को तैयार नहीं थे.. उन्होंने अपना सामान बाहर निकाला। मुझे बिस्तर पर पटका और पूरा मामला अंदर फिट कर दिया। मैं छटपटाई.. “आह.. क्या कर रहे हो..”

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पति बोले, “दिख नहीं रहा, क्या कर रहा हूं..?”

मैं बोली.. “दिख भी रहा है और दुख भी रहा है। आराम से।”

इस पर पति झल्लाते हुए बोले, “बहुत हो गया आराम से.. आज नहीं.. आज तो मैं लेकर ही रहूंगा.. तुम्हें भी दिल से मेरा साथ देना होगा।”

अब मैं भी झल्ला कर बोली, ‘कहां से दूंगी दिल से तुम्हारा साथ। मेरी सारी समस्याएं मैंने तुम्हें बता रखी है।’’

दोस्तों मैं बोले जा रही थी और पति हिले जा रहे थे। मेरा कहने का मतलब तो समझ ही गये होंगे आप।

मैं पति के नीचे से ही बोली, “पहले मेरी सारी समस्याओं का इलाज करो। उसके बाद ही मैं दिल से तुम्हें दे पाऊंगी।’’

अब पति कुछ नहीं बोले और उन्होंने अपनी रफ्तार बढ़ा ली। मैं बुरी तरह हांफ रही थी। गहरी-गहरी सांस ले रही थी। मैं दबी हुई आवाज में बोली, ‘‘सुनो…प्लीज थोड़ा धीरे-धीरे चलो।’’ मैं आगे बोली, ‘‘तुम्हें जो करना है कर लो। मैं मना नहीं कर रही। लेकिन मेरी तकलीफ का ख्याल करो। मुझे दर्द हो रहा है।’’

इस पर पति अपना काम चालू रखकर ही बोले, ‘‘रहने दे कुवांरी होने का नाटक ना कर। इतनी भी टाइट नहीं है तेरी नीचे की दुनियां।’’

फिर तो पति तब तक नहीं रूके, जब तक उनकी पिचकारी ने मेरे बगीचे में पानी की बौछार नहीं कर दी। हम दोनों ही बुरी तरह हांफ रहे थे।

फिर मैं पति को प्यार से समझाते हुए बोली, ‘ऐसा नहीं है कि मैं तुम्हारा साथ नहीं देना चाहती। मेरा भी मन करता है, लेकिन शरीर साथ नहीं दे पाता। कभी पीरियड्स की गड़बड़ी होती है। सारा दिन घर के काम काज के कारण थकान, आलस, कमजोरी महसूस होती है। तुम्हें कब से कह रही हूं मुझे सफेद पानी की समस्या है। ऐसे में शरीर खोखला नहीं होगा क्या। अब तुम्ही बताओ ऐसे में मेरे शरीर में रात तक क्या जान बचेगी। कहां से दूंगी मैं तुम्हारा साथ बिस्तर पर।’’

पति को शायद मेरी बात समझ में आ गई थी। वो प्यार से मुझे बाहों में लेकर बोले, ‘‘तुम सही कह रही हो सुमन। मुझे भी समझना चाहिए था।’’

फिर अचानक पति उठे और अपना मोबाइल लेकर मेरे पास आये और बोले, ‘‘यार आजकल तो इंटरनेट पर या यू्ट्यूब पर सब समस्याओं का समाधान मिल जाता है। चलो तुम्हारी समस्या के लिए भी इलाज ढूंढते हैं।’’

फिर पति मोबाइल पर मेरी समस्याओं का इलाज ढूंढने लगे और मैं उनके सीने से चिपक कर लेटे हुए उनके मोबाइल में देखने लगी।

तभी एक आयुर्वेदिक सिरप पर हम दोनों की नजर पड़ी। ये जड़ी-बूटियों से बना आयुर्वेदिक सिरप था, जो महिलाओं की तमाम समस्याओं के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद सिरप था। जैसे कि मासिक चक्र की गड़बड़ी। बिलिडिंग ज्यादा होना। पीरियड्स में होने वाला दर्द, सूजन, कमजोरी, थकान, सफेद पानी की समस्या, रजोनिवरति आदि समस्याओं के लिए रामबाण आयुर्वेदिक औषधि थी।

इस दवा आयुर्वेदिक सिरप की पूरी जानकारी और नंबर लेने के बाद हमने ये सिरप मंगा लिया और मेरी सारी समस्याएं पूरी तरह ठीक हो गई। अब हर रात बेडरूम में क्या होता है दोस्तों बताऊं? मेरे जोश और गर्मी का मीटर चालू रहता है और पति का डाउन। वो हंसकर कहते हैं यार तू पहले ही ठीक थी। बहुत बड़ी गलती हो गई तेरा इलाज ढूंढकर।

एक बात और दोस्तों हमारी रात की मस्ती का आलम ये है कि मेरे बेटे को अब उसकी छोटी बहन मिलने वाली है। समझ गये ना.. फिर मिलती हूं तब तक अपना ख्याल रखिएगा।

तो दोस्तों कैसा लगा सुमन से मिलकर, कमेंट्स जरूर कीजिए.. और हां अगली कहानी किस टॉपिक पर आप सुनना चाहते हैं जरूर बताइए। हम पूरी कोशिश करेंगे आपको वही मसाला और मजा देने का।

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