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दरअसल दोस्तों.. मेरी पत्नी थोड़ा ज्यादा कामुक है.. उसे हर रात को मेरा मोटा सामान चाहिए ही होता है.. जब तक मैं उसे अपने सख्त मोटे डंडे से उसकी गुलाबी-गुलाबी रिमांड नहीं ले लेता था.. उसे चैन नहीं पड़ता था.. बड़े ही मस्त तरीके से वो देती थी.. मेरे डंडे की चोट को अपनी चिकनी, गुलाबी.. दुनिया में सहन करते हुए.. बड़ी ही नशीली आवाजें निकाला करती थी.. ‘‘ओह.. साहिल.. बहोत अच्छा लग रहा है.. थोड़ा और जोर से..’’
दोस्तों मैं पहले ही सारा जोर लगाकर उसकी रिमांड ले रहा था.. लेकिन फिर भी उसे और मोटी.. तगड़ी सख्त रिमांड चाहिए होती थी.. फिर मैं उसे पूरी तरह बेलिबास करके.. ऐसे ऐसे अंदाज में ठोकता था.. कि वो कभी चीखती.. तो भी सिसकियां भरतीं.. तो कभी बेतहाशा मदहोशी.. मुझे नीचे से लेटे हुए अपने ऊपर खींचकर… बुरी तरह बांहों में समेट लेती.. इसके बाद तो मेरा मामला जल्दी ही निपट जाता था.. जिसके बाद हम दोनों बुरी तरह हांफते हुए.. एक दूसरे से लिपटे हुए ही.. शांत पड़ जाते थे..
फिर वो पसीना पोंछते हुए कहती, ‘‘मुझे तुम्हारा ये सख्त जानवर बहोत पसंद है..।’’ वो मेरे सुस्त पड़ चुके जानवर को हाथ में लेकर बोलती, ‘‘बहोत मस्त शिकार करता है ये.. ऐसे ऐसे नोंच कर मांस खाता है.. कि बस मन करता है.. ये मेरे चिथड़े-चिथड़े नोंच ले..’’
बीवी से अपनी मर्दानगी की तारीफ सुनकर.. मेरा सीना भी और मेरा नीचे का सामान भी दोनों फूल चौड़े हो जाते थे.. जिसके बाद तो एक राउण्ड और चलता था.. बीवी की आग को शांत करते-करते.. हमे लगभग रात के दो तो बज जाते थे.. उसके बाद ही जाकर कहीं सोना हो पाता था.. ऐसी थी हम पति-पत्नी की कभी रंगीन रातें..
एक रात की बात है.. रोज की तरह फिर से बीवी सुरीली.. केवल अंदर के वस्त्र पहनकर मेरे पास आई.. और मेरे तोते को कच्छे के ऊपर से ही टच करते हुए बोली, ‘‘चलो.. मिस्टर तोते.. तुम्हारी नाइट ड्यूटी का टाइम हो गया है..।’’ ये सुनते ही मेरे तोते की चोंच कच्छे के अंदर लंबी होकर.. मुझे यहां-वहां हिल-डुलकर चोंच मारने लगी..
ये देखकर बीवी मुस्कराई,, ‘‘ओहो.. तो ये बात है… अकड़ दिखा रहा है मुझे..’’ कहकर बीवी ने मेरा तोते की गर्दन पकड़ कर.. मेरे कच्छे से बाहर घसीट लिया..’’ फिर मेरे सख्त हो चुके तोते को हाथ में लेकर बोली, ‘‘अभी निकालती हूं तेरी सारी अकड़।’’ इतना कहकर बीवी ने अपना सिर झुकाया और मेरे तोते के एकदम करीब आ गई..
मेरी खूबसूरत और हॉट बीवी की गरम सांसे मेरे तोते को बहकाने लगी.. दोस्तों बीवी की इस अदा पर मैं मर-मिटा था.. मुझे यही लगता था.. कि मैं कितना खुशकिस्मत हूं कि मुझे इतनी खूबसूरत.. मस्त बदन वाली और दिल खुश कर देने वाली बीवी मिली है…
फिर देखते ही देखते मेरी बीवी ने.. मेरे तोते को अपने मुंह की गरम सांसो के अंदर धकेल दिया और मस्ती भरी आवाज में बोली, ‘‘अकड़ दिखा रहा था ना मुझे.. ले मेरे मुंह की गरम सांसो की जेल में..
ओहो दोस्तों.. मेरे तोते को जब मेरी बीवी ने मुंह की गरम सांसों से महकाना शुरू किया.. तो लगा जैसे मैं किसी और ही दुनियां में हूं.. कुछ देर तक वो मेरे तोतो की अपने सांसों की गरमी देती रही.. फिर रूक कर उसने मेरे तोते की गर्दन पकड़ ली.. और बोली, ‘‘ ले अब तेरी दूसरी सजा है कि दू मेरी नीचे की अंधेरी कोठरी में कैद रहेगा..’’
दोस्तों जैसे ही बीवी ने कहा.. उसने फौरन अपने सभी वस्त्र तन से जुदा कर डाले और.. देखते ही देखते मेरे सख्त फड़फड़ाते तोते.. को अपनी नीचे की अंधेरी कोठरी में सीधे-सीधे धकेल दिया.. कैदी जैसे ही अंदर गया.. एक जोर की गहरी सांस बीवी ने ली, ‘‘आह.. फिर उसकी आंखें बंद हो गई.. जैसे कैदी को सजा देने में उसे बड़ा मजा आ रहा था।’’
मैंने भी नीचे से लेटे हुए.. पत्नी के दोनों को गोल-गोल कबूतरों को अपनी हथेलियो में दबोच लिया.. जिस पर मेरी बीवी सुरीली और भी सुरीली हो गई… यानी उसे और भी मजा आने लगा.. वो बोली.. तुम भी मेरे दोनों कबूतरों की चोंच मरोड़ डालो.. जैसे मैं तुम्हारे तोते की मरोड़ रही हूं..
दोस्तों बीवी का इतना कहना था.. कि मेरे तोते ने.. तपाक से बीवी के नीचे के घोंसले में प्यार के दानें चुगते हुए.. उल्टी कर डाली.. यानी मेरा मामला.. आज पहली बार… समय से पहले ही निपट लिया था.. ये देख मेरी बीवी.. बिना पानी मछली की तरह छटपटाने लगी.. उसने काफी देर तक.. खूब मेरे तोते की गर्दन को सहलाया.. पुचकारा… लेकिन तोते की जान निकल चुकी थी.. उसमें कोई हरकत नहीं हुई.. इसके बाद मेरी बीवी बुरा सा मुंह बनाकर पलट कर सो गई..
मैं भी हैरान था कि आज ये क्या हुआ.. दोस्तों ये पहला एक्सपीरियंस था.. जब मैं.. अपनी बीवी सुरीली की बिना सुरीली तान बजाये.. सो गया था..
फिर अगले दिन भी वहीं.. दूसरे दिन भी वही… लेकिन मेरी बीवी ने हार नहीं मानी… उसने खुद ही कहा.. ‘‘हो सकता है.. हम रोज ही रात को ये सब करते हैं.. तो इसलिए तुम्हारा तोता शायद थक चुका है.. या हो सकता है ऊब चुका हो.. ऐसा करते हैं.. 3 – 4 दिन का गैप देते हैं.. मुझे भी लगा शायदी बीवी सही कह रही है..
लेकिन समय ना मिलने के कारण.. हमने एक हफ्ते बाद फिर से प्रोग्राम करने का मन बनाया. मगर ये क्या… मेरे पैरे से जमीन ही खिसक गई.. इतना ठहरने के बाद भी.. फिर से वही.. हादसा हो गया.. मैं पहले ही ढेर हो गया.. अब तो बीवी ने मुझे जो सुनाया.. मैं आपको बता नहीं सकता.. कितनी शर्मिन्दगी झेलनी पड़ी मुझे..
धीरे-धीरे मेरी समस्या ठीक होने के बजाए और भी गंभीर होने लगी.. मैं बिना बीवी को संतुष्ट किए, जल्दी तो निपट जाता है.. लेकिन आगे जाके हालत ये हो गई कि अब मेरे प्राइवेट डंडे में जान आनी ही बंद हो गई थी। वो पहले जैसा ताकतवर.. मोटा.. सख्त होना बंद हो गया था.. जिसकी वजह से मेरी शादीशुदा जिंदगी की बैंड बजी हुई थी.. अब तो बीवी ने मुझे नामर्द का ताना मारना भी शुरू कर दिया था..
लेकिन मैं चाहकर भी कुछ नहीं कह पाता था… बस यही सोच रहा था… आखिर मेरे साथ ये समस्या हो क्यों रही है.. ऐसी क्या गलती.. कर दी थी मैंने..?
दोस्तों मेरा एक जिगरी यार था सनी.. जिसे मेरी बीवी भी अच्छी तरह जानती थी.. मैंने कई बार बीवी को उससे मिलाया था.. वो हमारे घर भी कई बार आया था.. हम पति-पत्नी भी कई बार उसके यहां खाने पर गये थे.. कुल मिलाकर मैं, मेरी बीवी सुरीली और मेरा दोस्त सनी.. आपस में काफी ऑपन.. और घुल-मिल चुके थे..
दरसअल सनी.. शादीशुदा जरूर था.. लेकिन उसका.. उसकी बीवी से बहोत पहले डाइवॉर्स हो चुका था.. अब वो बिल्कुल अकेला था…
एक दिन मैं अपनी नामर्दी का दुखड़ा लेकर उसके घर पर बैठ गया.. मैंने उसे सारी बात बता दी.. हम दोनों साथ में जाम से जाम भी टकरा रहे थे.. हम दोनों पर ही बढ़िया सुरूर छाया हुआ था.. मेरी कहानी सुनकर सनी बोला, ‘‘यार मामला तो वाकई सीरियस है..’’ फिर उसने अपने हाथ में लिया हुआ पेग गले के नीचे उतारा और बोला, ‘‘लेकिन ये बता.. ये अचानक तुझे कैसी समस्या हो गई… यार तू तो अच्छा-खासा मर्द था।’’
इस पर मैं थोड़ा सा तैश में आकर बोला, ‘‘अबे क्या मतलब तेरा.. मर्द था..’’ मैं मजाक में पैंट के ऊपर से ही अपने हथियार को सहलाता हुआ बोला, ‘‘दिखाऊं क्या..तुझे।’’
इसपर दोस्ता हंसता हुआ बोला, ‘‘अबे रहने दे.. क्या दिखायेगा मुझे.. मेरे पास मेरा सामान है…. मेरा मतलब था… तेरी मर्दानगी को क्या हो गया.. जो तु अपनी बीवी को खुश नहीं कर पा रहा है।’’
‘‘वही तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है।’’ मैं दुखी मन से बोला, ‘‘ये अभी कुछ ही हफ्तों से समस्या शुरू हुई है..’’
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इससे पहले हम दोनों अपना-अपना अगला पैग बनाते, तभी जैसे सनी को कुछ याद आया, ‘‘अबे सुन साहिल..।’’
‘‘यार कब से सुन ही तो रहा हूं।’’ मैं चिड़चिड़े मन से बोला, ‘‘कुछ मेरे मतलब की बात बता तो मजा आये.. कैसे होगी मेरी समस्या दूर।’’
‘‘अबे साले तू ऐसा क्यों नहीं करता.. किसी केमिस्ट के दुकान से.. कोई पॉवर और टाइम बढ़ाने वाली गोली ले आ। यार आज की डेट में तो बहोत से ऐसे कैप्सूल, गोलियां हैं, जो मर्दों में मर्दानगी जगा देते हैं.. देर तक मजा करने की पावर को बढ़ा देते हैं।’’
एक बार को मैं दोस्त की बात सुनकर खुश हुआ.. लेकिन फिर दोबारा ठंडी आवाज में बोला, ‘‘यार ये सब गोलियां तो कुछ पल का मजा देंगी.. मुझे थोड़ी देर के लिए या सिर्फ एक दिन के लिए मर्द नहीं बनना।’’ मैंने अपना पैग खत्म करते हुए कहा, ‘‘मुझे तो परमारनेंट सॉल्यूशन चाहिए.. आखिर सारी जिंदगी गोलियों पर डिपेन्ड थोड़ी रहूंगा। क्योंकि तेरी भाभी तो जिंदगी भर रहेगी ना मेरे साथ.. हर रात..’’
मेरी बात सुनकर दोस्त सनी भी ठंडी आंह भरते हुए बोला, ‘‘यार बात तो तेरी सही है…’’ फिर अचानक सनी बोला, ‘‘यार अभी के लिए छोड़ यार टेंशन वगैरह.. अभी तू पीने का मजा ले..।’’ फिर मेरे कंधे पर सनी ने हाथ रखा और मुस्कराते हुए मेरी तरफ देखकर बोला, ‘‘आज तू तूने वैसे भी जाम गटका रखा है.. इसे पीने के बाद आज तू देखना.. कैसे बीवी के परखच्चे उड़ा देगा।’’
मैं बोला, ‘‘घंटा परखच्चे उड़ा देगा..’’ मैं अपना सिर पकड़ कर बोला, ‘‘बहन की घोड़ी जिस दिन मैं दो घूंट क्या लगा लेता हूं.. तेरी भाभी हाथ तक नहीं लगाने देती।’’
मेरी बात सुनकर दोस्त हंसा और बोला, ‘‘अबे वो पहले बात रही होगी…’’ फिर वो मेरे करीब आकर बोला, ‘‘देख.. तूने ही कहा ना.. तू काफी टाइम से बीवी को खुश नहीं कर पा रहा है..’’
‘मैने कहा हां, तो..?
इस पर दोस्त बोला, ‘‘अबू भूतिये.. जरा दिमाग लगा… तेरी बीवी भी कहीं न कहीं अपने जिस्म की आग में जल रही होगी.. तू एक बार कोशिश तो कर.. देख कैसे वो तेरी बाहों में पिघलती है.. फिर दिखा दियो आज ही रात तू अपनी जोशेमर्दानगी का जलवा..।’’
फिर जब मैं संभलता हुआ घर पहुंचा.. तो बीवी ने देखकर ही पहचान लिया,,‘‘क्यों अपनी नामर्दी का दर्द भुलाने के लिए पीकर आये हो।’’
दोस्तों दिल पर अंगारे बरसाने वाला ताना सुनकर। मैं बुरी तरह तैश में आ गया। सिर पर नशा तो सवार था ही.. । मैंने तपाक से दरवाजे की कुन्डी चढ़ाई और फौरन जबरदस्ती बीवी को खींचते हुए सामने पडे़ सोफे पर ही घसीट लिया.. वो कुछ कहती.. संभलती.. मैंने देखते ही देखते उसका गाउन टांगों से ऊपर पर सरका कर.. अपना मामला अंदर फिट कर दिया.. जिस पर बीवी के मुंह से अचानक घुटी-घुटी चीख निकली, ‘‘उई।’’
ये सुनकर मुझे मेरे दोस्त की याद आ गई..। मैं मन ही मन बोला, ‘‘यार वाह.. तू तो सही कह रहा था।’’
फिर देखते ही देखते मैंने बीवी के गाउन को उसके तन से जुदा कर डाला। बीवी ने अंदर कुछ नहीं पहना था, जिस कारण उसके दोनों दुधिया कबूतरों की लाल-लाल चोंच मेरे सीने में चुभन मार रहे थे, जिसमें मुझे बड़ा मजा आ रहा था। मैंने बुरी तरह बीवी के कबूतरों को मुंह से पुचकाराना शुरू कर दिया। बीवी मदहोश हो गई.. उसने मुझे सोफे पर लिटा दिया.. और खुद मेरे ऊपर आकर प्यार की कमान संभाल ली..
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मुझ पर अच्छा-खासा नशे का सुरूर सवार था.. इसलिए मेरा तो पता नहीं.. पर मैंने महसूस किया.. कि मेरी बीवी को बड़ा मजा आ रहा था.. वो बुरी तरह से अपनी कई समय की पुरानी आग को शांत करने में मस्त हो रखी थी। बड़े जोर-जोर से मेरे तोते को अपने अंधेरी गुफा में धकेल कर मचली जा रही थी। ये देखकर मैं मन ही मन बड़ा खुश हो रहा था कि देखो तो.. आज कोई औरत.. अपने नीचे मर्द को ऐसे पेल रही थी.. मानों कोई वहशी दरिन्दा.. किसी मासमू का बलात्कार कर रहा हो.. मुझे भी अच्छा लग रहा था..
आज कई समय के बाद मैंने अपनी बीवी की प्यास को बुझा दिया था.. अगले दिन बीवी बड़ी खुश नजर आ रही थी.. बोली, ‘‘आज कोई महंगा और भी बढ़िया ब्रांड पीकर आना.. ताकि आज भी कल की तरह..’’ बीवी ने इतना कहा और आंख मारकर शरमाते हुए दूसरे कमरे में चली गई..
बीवी की ये अदा तो जैसे मेरी जान ही ले गई थी.. लेकिन दोस्तों.. सच कह रहा हूं.. आप ऐसा काम मत करना.. अपनी मर्दानगी के लिए शराब का सहारा बिल्कुल मत लेना.. क्योंकि लंबे समय तक शराब पी-पीकर मैंने अपनी बची-खुची मर्दानगी का भी बेड़ा-गर्क कर लिया था.. मुझे शीघ्रपतन के साथ-साथ नपुंसकता की भी बीमारी हो गई थी.. यानी पहले कम से कम मेरा हथियार तो खड़ा हो पाता था.. तभी तो करते हुए शीघ्रपतन होता था.. लेकिन अब तो शीघ्रपतन का चांस भी खत्म हो गया था.. क्योंकि मामला ही टाइट नहीं होना रूक गया था.. ऐसे में मेरी बीवी ने लगभग मेरा साथ ही छोड़ दिया था.. अब तो उसने मुझे नामर्दी का ताना भी देना बंद कर दिया था… आखिर कब तक देती..
हम एक ही घर में.. एक ही बेडरूम में.. एक ही छत के नीचे.. दो अजनबियों सी जिंदगी जी रहे थे.. बीवी का तो पता नहीं.. पर मेरा सहारा शराब जरूर बना गया था.. घर से ऑफिस.. ऑफिस से ठेके.. ठेके से घर.. घर में दबा के दारू पीना और मन करा तो खाना खाकर सो जाना.. फिर अगले दिन वही रूटीन..
जिंदगी जैसे थम सी गई थी.. सब रोमांच.. खुशियां… सब को नजर लग गई थी..
एक दिन ऐसा हुआ कि.. मैं ऑफिस से लेट निकला और तब तक शराब की दुकाने बंद हो चुकी थीं.. टाइम ऑवर हो गया था..
मैंने कहा खैर छोड़ो.. घर पहुंच कर बीवी ने खाना दिया.. पर बोली कुछ नहीं.. मैं फ्रेश हुआ.. खाना खाया और बेडरूम में हम दोनों मियां बीवी एक-दूसरे की ओर पीठ करके लेट गये.. मेरी बीवी को तो नींद आ गई थी.. पर मुझे नींद नहीं आ रही थी.. ऐसे में मैंने मोबाइल देखना शुरू कर दिया.. जिसमें एक वीडियो में बड़ी ही हॉट.. मोटे-मोटे संतरों वाली एक खूबसूरत लेडी दिखाई दी.. उसे देखकर मेरे मन में कुछ हुआ.. लेकिन नीचे के तन में कुछ नहीं हुआ..
ये देखकर मैं तड़प उठा.. तभी मैं बेड पर बैठ गया और.. मोबाइल में पुरूषों की मर्दानगी, जोश और जवानी लौटाने का तरीका ढूंढने लगा। अभी कुछ ही मिनट हुए थे कि भी मेरी नजर एक आर्वेदिक दवा के विज्ञापन पर पड़ी.. दवा का नाम था.. साइज किंग (SIZE KING).. जब मैंने विज्ञापन को खोलकर देखा तो.. ये कोई काहन आयुर्वेदा डॉट कॉम नाम से वेबसाइट थी..
इसमें साइज किंग की पूरी जानकारी और फायदे के बारें में डिटेल में बताया हुआ था.. जैसे कि ये पुरूषों के प्राइवेट पार्ट में तनाव की कमी.. ढीलापन. टेढ़ापन, छोटापन सभी तरह की प्राइवेट पार्ट जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है.. इतना ही नहीं.. शीघ्रपतन की समस्या में भी बहुत ही असरदार है। क्योंकि इसमें जड़ी-बूटियों के बारे में भी बताया गया था. कि कौन-कौन सी जड़ी-बूटियां इस दवाई में डाली गई हैं और इनके फायदे क्या-क्या हैं.. तो मेरा विश्वास जाग उठा..
मैंने तुरन्त वेबसाइट में दिया गया फ्री हेल्पलाइन नंबर नोट किया.. और उसी समय व्हाट्सप पर अपनी समस्या बताकर मैसेज डाल दिया.. दोस्तों अगले दिन वहां से मुझे कॉल आया.. और उन्होंने मेरी पूरी समस्या बड़े ध्यान से सुनी और मुझे साइज किंग खाने की सलाह दी.. जिसके बाद मैंने दवा ऑर्डर कर दी.. और लगातार 3 तीन महीने तक इसका पूरा कोर्स किया.. इस बारे में मैंने केवल अपने दोस्त सनी को बताया था.. अपनी बीवी को नहीं..
जब तीन महीने का मेरा कोर्स हो गया तो.. मैंने अपने दोस्त से फोन पर कहा.. ‘‘यार दवा का कोर्स तो मैंने कर लिया.. पर मुझे पता कैसे चलेगा.. कि मुझे फायदा हुआ है।’
इस दोस्त सनी जोरों से हंसा, ‘‘तू भी ना एक नंबर भूतिया है.. सच में.. अबे भाभी के साथ ट्राई कर.. उसे ही तो खुश करना है ना..’’
दोस्त की सुनकर मैं भी हंसकर बोला, ‘‘अबे खोपड़ी के.. इतनी अकल तो मेरे पास भी है.. लेकिन मुझे डर है कि कहीं फायदा ना पहुंचा और फिर से बीवी के सामने मेरे पिचकारी खड़ी नही हुई.. और हो भी गई तो.. कहीं जल्दी पानी छूट गया.. तो इस बार बीवी मुझे तलाक ही दे देगी..’’
‘‘हूम..।’’ दोस्त ने गहरी सांस ली और बोला, ‘‘बात तो तेरी ठीक है.. तो फिर हम दोनों एक काम करते हैं..’’
‘‘मैंने कहा बता कौन सा काम करना है?’’
इस पर मेरा दोस्त सनी बोला, ‘‘यार देख.. तुझे तो पता ही है… मेरी बीवी तो मुझे कब का छोड़ चुकी है.. तो ऐसे में मैं अपनी प्यास बुझाने के लिए कई बार.. लोगों की नजरें बचाते हुए देर रात को.. पेशेवर औरतों को बुलाकर बड़े मजे लेता हूं..’’
‘‘अबे तो मैं क्या करू, ये बता।’’ मैं बड़ी बेकरारी से बोला।
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अब दोस्त मुद्दे की बात पर आकर बोला, ‘‘देख.. आज रात को तू भाभी को नाईट ड्यूटी का मैसेज डालकर.. मेरे घर पर रूक जा.. तुझे तो पता ही है.. यहां किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है.. कमरे भी दो हैं.. एक कमरे में तू.. बजाइओ.. और एक में तेरा भाई.. तबाही मचायेगा.. मजा का मजा और तेरा टेस्ट का टेस्ट भी हो जायेगा..’’
दोस्त की बात सुनकर मेरे चेहरे में चमक आ गई.. मैंने फौरन कहा, ‘‘चल डन है।’’
अब उस रात की बात क्या बताऊं दोस्तों.. बड़ी ही खूबसूरत.. दूधिया बदन वाली.. बाहर को उठी हुई.. उसकी पीछे पिछवाड़ी वाली जबरदस्त हसीना थी वो.. जब उसने अपने सभी वस्त्र अपने तन से जुदा किये.. तो उसका गुलाबी.. दूधिया बदन देखकर.. मुझे शरबती हुस्न लगी वो.. सिर से लेकर पांव तक कयामत ही कयामत थी..जिसे देखकर पैंट के अंदर ही मेरा माला इतना टाइट हो गया.. कि जिसे देखकार वो हसीना भी मुस्करा कर बोली, ‘‘लगता है बड़े उतावले हो.. देखो तो नीचे से सिग्नल आ रहा है..’’
उसका इतना कहना था कि मैंने अपना मामला बाहर निकाल लिया.. जिसे देखकर वो हसीना तो हैरान हुई,, साथ ही मैं भी खुशी के मारे हैरान और मस्त हो गया था.. मुझे लगा वाकई दवा ने काम किया है.. जाने कितने जमाने के बाद इतने मस्त और सख्त तरीके से मेरा मुर्गा बांग दे रहा था.. एक टेस्ट तो पास हो गया था कि मेरे सामान में जान आना शुरू हो गया था..
अब दूसरा टेस्ट बाकी थी.. यानी जल्दी मामला ना निपटे.. देर तक करते हुए.. औरत को सतुंष्ट करने का टेस्ट.. दोस्तों उस रात मैं पास हो गया था.. वो फस्ट डिवीजन से… जब अगली सुबह-सुबह वो हसीना जाने लगी.. और बेडरूम से निकलने से पहले मेरे.. सामान को टच करते हुए बोली, ‘‘सच में बाबू.. बड़ा जोरदार है तुम्हारा.. मुर्गा.. कई मुर्गों को मैंने अपने घांसेले में दाने चुगायें हैं.. लेकिन जितने जोश से.. मर्दानगी से.. तुम्हारा मुर्गा बांग देगा है.. और प्यार के दाने चुगता है.. सच कह रही हूं.. मैंने किसी मर्द का मुर्गा नहीं देखा..’
फिर वो मेरे नजदीक आकर बोली, ‘‘अगली बार कब बुला रहे हो..?”
इस पर मैं बोला, ‘‘शायद अब इसकी जरूरत ना पड़े।’’
दोस्तों उस हसीना की बात सुनकर.. और मेरा ये जवाब सुनकर,..आप समझ ही गये होंगे… कि साइज किंग ने क्या कमाल कर दिखाया था.. मुझे यकीन था.. जब एक रोज की पेशेवर औरत की मैंने तबियत खुश कर दी.. तो मेरी बीवी का आलम क्या होगा.. और हुआ भी वही..