राहुल और स्वीटी की लव मैरिज हुई थी। दोनों ने घरवालों के खिलाफ जाकर शादी की थी। दोनों ही बालिग थे और अलग किराये के मकान में रहते थे। स्वीटी 21 साल की बहुत ही गोरी चिट्टी और कसे हुए बदन की सेक्सी लड़की थी। वहीं राहुल भी 26 साल का हैडसम लड़का था। राहुल ने यूं तो कई बार स्वीटी को शादी से पहले भी खूब बजाया था, लेकिन
जब से लॉकडाउन हुआ था, तब से तो राहुल की बल्ले-बल्ले हो गई थी। वह दिन रात स्वीटी को ऐसे बजाता था, कि बेचारी स्वीटी का अंग-अंग टूटकर रह जाता था। हड्डियां चटकाकर रख देता था स्वीटी की। लेकिन स्वीटी को इस दर्द में भी बड़ा मजा आता था। कुछ पल के लिए वह तड़पती जरूर थी, मगर जिस तरह से राहुल उसकी गुलाबी चिकनी
नगरी में घुसता था, स्वीटी का रोम-रोम खिल उठता था। राहुल और स्वीटी की शादी को दो साल गुजर चुके थे, लेकिन स्वीटी मां नहीं बन पायी थी।
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दरअसल स्वीटी ने शादी से पहले ही राहुल से साफ शब्दों में कह दिया था कि वह कम से कम 7-8 साल से पहले मां नहीं बनेगी। जब भी शादी से पहले राहुल, स्वीटी को अपने नीचे मसलता था, तो बहके-बहके शब्दों में मचलती हुई स्वीटी कहती थी, ‘‘ओह राहुल.. जब भी तुम मुझे छूते हो तो न जाने मुझे क्या हो जाता है, मैं तुम्हें आगे बढ़ने से मना नहीं कर
पाती। लेकिन तुम कॉडम का यूज करते हो, तो मुझे प्रिग्नेन्सी का कोई डर नहीं रहता। इसलिए भी मुझे तुम्हारे सख्त डंडे के नीचे पिसने में कोई ऐतराज नहीं होता।” और उसके बाद स्वीटी, राहुल से बुरी तरह लिपट जाती थी।
यही सिलसिला शादी के बाद भी चल रहा था। सुहागरात से लेकर दो साल होने तक स्वीटी ने बिना कंडोम के राहुल को अपने चिकने बदन पर हाथ तक नहीं रखने दिया था। जब कभी राहुल मूड में आकर स्वीटी के गोल गुब्बारों को दबा देता या फिर उसकी गुलाबी पखुंड़ियों को सहला देता, तो स्वीटी का पहला सवाल ही यही होता था, ‘‘कंडोम लाये हो न?’’
और फिर राहुल के हां कहने के बाद ही मामला आगे बढ़ पाता था। कभी-कभी तो राहुल, स्वीटी की इस आदत से खीझ उठता था, लेकिन कहता कुछ नहीं था। आखिर बहुत प्यार जो करता था स्वीटी से। ऐसा नहीं था कि राहुल ने कभी कोशिश नहीं की, बिना कंडोम के स्वीटी को बजाने की.. मगर मजाल कि स्वीटी टस से मस हो जाती। उसे तो बस यही डर रहता था कि कहीं वह पेट से ना हो जाये।
बस ऐसे ही दोनों के मस्ती भरे दिन एक-दूसरे की बांहों में ठुकाई के खेल में गुजर रहे थे।
फिर एक दिन कोरोना नाम के कहर ने पूरी दुनियां में कोहराम मचा दिया और पूरे 21 दिन का लॉक डाउन देश में लग गया। सब घरों में कैद होने को मजबूर हो गये थे। अब तो राहुल और स्वीटी का दिनरात का साथ हो गया था। राहुल का तोता जब-तब पैंट के अंदर खड़ा होकर उसे चोंच मारने लगता और राहुल अपने सख्त तोते को स्वीटी की चिकने गुलाबी घोंसले में प्यार के दानें चुगने के लिए छोड़ देता था। बेचारी स्वीटी का घोंसला, राहुल के तोते की चोंच से लहुलूहान हो जाता था। पता नहीं राहुल इतना जोश लाता कहां से था, मगर जो भी स्वीटी, राहुल के जोश की दीवानी थी। लॉकडाउन को 15 दिन हो चुके थे और राहुल ने दिनरात स्वीटी को खूब पेला था। स्वीटी भी खूब बढ़-चढ़कर राहुल ठुकाई के
खेल में साथ देती थी। लेकिन राहुल के दिल की एक हसरत अभी भी अधूरी थी। और वो हसरत थी बिना हेलमेट के बाइक चलाकर सारे सिग्नल तोड़ना और कोई चालान भी न होना। यानी बिना कंडोम के स्वीटी की गरम जवानी का मजा लेना, और बच्चा भी ना ठहरे। एक दिन पूरे प्लान के साथ राहुल ने न जाने कहां से जुगाड़ करके दोगुनी से भी ज्यादा कीमत पर व्हीस्की की बोतल का एरेमेन्ट कर लिया। और उस दिन रात को वह स्वीटी के सामने दो कांच के गिलास रखकर बैठ गया और बोतल भी सामने रख दी। फिर बड़े ही प्यार से स्वीटी तरफ देखकर बोला, ‘‘यार स्वीटी आज ना जाने क्यों इतने दिनों के बाद मेरा मन पीने को कर रहा था, तो बड़ी मुश्किल से जुगाड़ भिड़ा के शराब का इंतजाम किया है।’’
‘‘वो तो ठीक है लेकिन ये दो गिलास किसलिए।’’ स्वीटी राहुल की ओर देखकर बोली थी।
‘‘क्यों तुम मेरा साथ नहीं दोगी क्या?’’
इसपर स्वीटी मुस्करा कर इसपर स्वीटी मुस्करा कर बोली, ‘‘बिस्तर पर साथ देती हूं न तुम्हारा, वही बहुत हो। इस चीज में साथ नहीं दे सकती में। और कैसे पति हो, जो पत्नी को शराब पीने को कह रहे हो।’’
‘‘अरे मेरी जान मैं कौन-सा रोज-रोज पीने को कह रहा हूं, बस आज की बात है, वो भी केवल एक पैग पीने को कह रहा हूं।’’ कहकर राहुल ने स्वीटी के गुलाबी होंठों को चूम लिया और बोला, ‘‘इसके बाद सेक्स करने में बड़ा मजा आयेगा।’’
इस पर स्वीटी इतराती हुई बोली, ‘‘अच्छा, तो इसका मतलब मेरे साथ तुम्हें मजा नहीं आता। जैसे बोलते हो वैसे देती हूं, अर पोज में देती हूं, घोड़ी बनकर, खम्भा बनकर, मोरनी बनकर, गधी बन…’’
‘‘अरे अरे..बस करो यार…’’ बीच में ही स्वीटी के मुंह पर हाथ रखते हुए बोला राहुल, ‘‘मेरा वो मतलब नहीं था, तुम तो बेकार में तैश में आ रही हो।’’
‘‘तो फिर क्या मतलब था तुम्हारा?’’
‘‘मैं तो बस इतना चाहता था कि तुम भी थोड़ा पैग लगा लोगी, तो तुम्हें भी मजा आ जाता।’’
‘‘रहने दो।’’ मुंह बनाते हुए बोली स्वीटी, ‘‘मुझे तो वैसे भी तुम्हारे साथ बहुत मजा आता है।’’
‘‘अरे स्वीटी यार, कम से कम मेरी खातिर, बस एक पैग।’’
आखिर में स्वीटी में स्वीटी को राहुल की जिद की आगे झुकना ही पड़ा। फिर एक-एक करके राहुल ने स्वीटी को चार हैवी-हैवी पैग पिला दिये। जब राहुल ने देखा कि स्वीटी बिल्कुल मदहोश हो चुकी है, तो उसने स्वीटी की जांघ पर हाथ रखते हुए कहा, ‘‘मजा आया मेरी जान।’’
‘‘हां राहुल तुम्हारे हाथ रखते ही मुझे बहुत मजा आ रहा है।’’
‘‘अरे मैं व्हीस्की के नशे के बारे में बात कर रहा हूं।’’
‘‘ओह.. इसमें क्या मजा है’’ बुरा सा मुंह बनाते हुए बोली स्वीटी, ‘‘कितनी कड़वी होती है।’’
‘‘ये लो मेरा मीठा-मीठा प्यार।’’ कहकर राहुल, स्वीटी के टाइट टीशर्ट में उठे हुए सख्त कबूतरों का दबाते हुए बोला, ‘‘ये तो कड़वा नहीं लग रहा है न।’’
‘‘बड़े शैतान हो तुम।’’ मुस्करा कर बोली स्वीटी, ‘‘कोई मौका नहीं छोड़ते हो, शैतानी करने का।’’
‘‘तो फिर इस शैतानी को ओर बढ़ाया जाये।’’ कहकर राहुल ने, जोर से स्वीटी के दोनों कबूतरों को इस बार टीशर्ट के अंदर मसला डाला। इसपर चीखकर बोली स्वीटी, ‘‘उई मां! क्या कर रहे हो, दर्द हो रहा है मुझे। इंसान हूं मैं, कोई रबड़ की पुतली नहीं हूं।’’ फिर जैसे अचानक स्वीटी को याद आया, ‘‘पहले ये बताओं कंडोम..’’
‘श..श..।’’ इससे पहले स्वीटी आगे कुछ बोलती, अचानक राहुल ने स्वीटी के गुलाबी होंठो पर अंगुलि रख दी और बोला, ‘‘आज मेरे तोते और तुम्हारी गुलाबी मैना के बीच में कोई दीवार नहीं आयेगी।’’
नशे में भी स्वीटी राहुल के कहने का मतलब समझ गई थी, वह कुछ कहने की कोशिश करती हुई बोली, ‘‘मगर राहुल’’
इस बीच राहुल ने फटाफट एक हैवी पैग और स्वीटी के लिए बना दिया
और उसके आगे बढ़ाकर बोला, ‘‘आज अगर मगर कुछ नहीं.. तुम बस
पीने का मजा लो और बाद में हम पूरी रात का मजा लेंगे।’’ कहते हुए राहुल ने अपने सारे कपड़े उतार दिये और पूरी तरह नग्न होकर बोला, ‘‘लो मेरी जान मैं तो पूरे मूड में आ चुका हूं।’’
एक नजर स्वीटी ने आखिरी पैग खत्म करते हुए राहुल के सख्त हो चुके पहलवान पर डाली तो हैरानी से नशे में झूमते हुए मजाक भरे लहजे में बोली, ‘‘अरे ये क्या इतना सख्त और लंबा पहलवान कहां से आया’’ ‘‘ये वही पहलवान है, जो हर दिन तुम्हारी नीचे की गुलाबी अखड़ाने में तुम्हारे चारों खाने चित्त कर देता है।’’
‘‘मगर आज तुम्हारा पहलवान मुझे कुछ ज्यादा ही तगड़ा और लंबा क्यों लग रहा है।’’
‘‘वही तो मेरी जान।’’ कहकर राहुल ने स्वीटी की टीशर्ट को उसके बदन से निकाल फेंका और बोला, ‘‘ये सब दारू का कमाल है।’’ फिर उसकी ब्रा को भी उसके तन से जुदा करते हुए बोला राहुल, ‘‘जब मेरा पहलवान तुम्हारी चिकनी मिट्टी में अपने पैंतरे दिखायेगा, तो तुम्हें और भी मजा आयेगा।’’
इस समय स्वीटी के गोरे-गोरे बेलिबास कबूतरों की लाल-लाल चोंचों को देखकर राहुल का पहलवान यहां वहां झुकने लगा। इस पर हंसते हुए बोली स्वीटी, ‘‘ये क्या तुम्हारा पहलवान तो अभी से सर झुकाने लगा।’’
‘‘अरी मेरी भोली जानेमन।’’ अब राहुल उसकी सलवार को अलग करने लगा, ‘‘ये तो माहिर खिलाड़ी है, पहले सामने वाले को सर झुका कर उसका स्वागत करता है। उसके बाद तो ऐसी उठा-पटक करता है, कि सामने वाले की चीख निकल जाती है।’’
‘‘अच्छा जी ये बात है।’’ अब तो नशे के आलम में स्वीटी भी पूरे मूड में आ गई और भूल गई कि राहुल के सख्त पहलवान ने हेलमेट यानी कंडोम नहीं पहना है।’’
उसने लपक कर राहुल के पहलवान को अपनी कोमल हथेलियों में दबोच लिया, ‘‘और जोर-जोर से ऊपर-नीचे पटकने लगी।’’
राहुल को बड़ा मजा आने लगा, वह वहीं सोफे पर चित्त लेट गया, और स्वीटी उसके पहलवान को अपने हाथों के करतब दिखाने लगी। ऐसा करने से राहुल के सख्त पहलवान के मुंह से थोड़ा-थोड़ा सफेद पानी बहने लगा। इस मजाक भरे लहजे में बोली स्वीटी, ‘‘अरे तुम्हारा पहलवान के तो पसीने छूटने लगे।’’ स्वीटी के ऐसा कहने पर राहुल की भी हंसी छूट गई।
फिर राहुल भी बड़ी चतुराई से बोला, ‘‘अरे मेरी जान ये पसीना नहीं, आंसू हैं मेरे पहलवान के। तुमने इतने प्यार से इसे सहला रही थी ना, इसलिए इमोशनल हो गया।’’ फिर स्वीटी के हाथों से अपने पहलवान को छुड़ाते हुए बोला राहुल, ‘‘अब जरा इसे अपने मुंह का दुलार भी दे दे, जरा प्यार से पुचकार दो।’‘ राहुल ने अपने सख्त पहलवान को स्वीटी के मुंह के सामने बढ़ा दिया, ‘‘देखो कितने प्यार से देख रहा है तुम्हें।’’
स्वीटी समझ गई कि अब उसे क्या करना है। वह नशे के आलम में राहुल के सख्त पहलवान को अपनी सांसों की गरमी से पिघलाने लगी। पहलवान को यहां-वहां, उपर नीचे सब जगह से मुंह से पुचकरो लगी। राहुल तो मदहोश ही हो गया। उसने कसकर स्वीटी को सिर को पकड़ा और अपने पहलवान की तरफ बुरी तरह झुका दिया। बेचारी स्वीटी के मुंह से, ‘‘घुटी-घुटी आवाज आ रही थी। वह गों..गो. उ.उकरती रह गई। और राहुल अपने पहलवान को उसके मुंह के हवाले करके आनंद लेता रहा।’’
फिर जब राहुल ने देखा कि उसका पहलवान, प्यार की उल्टी करने वाला है, तो उसने तपाक से स्वीटी गरम सांसों से अपने पहलवान को अलग कर लिया और बोल, ‘‘अब मेरी बारी है, मैं भी जरा तुम्हारी नीचे की गुलाबी चिकनी मिट्टी को अपने मुंह की गरमी गीली कर दूं।’’
फिर जैसे ही राहुल ने स्वीट की चिकनी साफ-सुथरी गुलाबी मिट्टी पर अपने होंठों की मुहर लगाई तो स्वीटी कसमसा कर रह गई, ‘‘हाय राहुल.. मत करो.. अजीब लग रहा है।’’
मगर राहुल करता ही रहा, वह पूरी तरह स्वीटी को गरम कर देना चाहता था और ऐसा ही हुआ, ‘‘कुछ ही मिनटों में स्वीटी पूरी तरह गरम हो गई और मूड में आ गई, ‘‘वो राहुल के बालों पर अंगुलियां फंसाते हुए उसे अपनी नीचे की जमीन पर झुकाते हुए बोली, ‘‘ओह राहुल,, करते रहो.. मजा आ रहा है.. बस मैं तो अभी से चारों खाने चित्त होने वाली हूं।’’
इतना सुनते ही राहुल समझ गया कि लोहा गरम है और हथौड़े से चोट करने की बारी आ चुकी है। उसने फौरन अपने मुंह के करतब दिखाने बंद किये और स्वीटी की गुलाबी नगरी से हट गया। अपने पहलवान पर थूक लगाते हुए बोला, ‘‘अब मेरी रानी जरा इसके पैंतरे तो देख लो। तुम तो पहले ही चित्त होने की बात करने लगी।’’
‘‘ओह तो दिखाओ न जानू।’’ कहकर स्वीटी ने राहुल को अपने ऊपर खींच लिया, ‘‘ऐसी उठा-पटक करो कि बस मजा ही आ जाये।’’
स्वीटी की हालत और उतावली देखकर राहुल मन ही मन अपनी विजय पर
मुस्कराने लगा। फिर क्या था उसने स्वीटी के दोनों टांगों को अपने कंधे पर चढ़ाया और उतार दिया अपने पहलवान को उसे अखाड़े में। पहलवान का पहला वार ही इतना जोरदार था कि स्वीटी की एक जोरदार चीख कमरे में गूंज गई, ‘‘आई मम्मी।’’ वह अपने जबड़ों को भींचकर बोली, ‘‘मजा दे रहे हो या सजा। मेरा पूरा अखाड़ा चरमरा कर रह गया।’’
‘‘मैंने तो पहले ही कहा था डार्लिंग पैग के बाद जोश ही अलग होगा। तुम्हारा भी और मेरा भी।’’ कहकर एक ओर जोरदार हमला राहुल के पहलवान ने कर दिया, इस बार पहले से भी ज्यादा चीखते हुए बोली स्वीटी, ‘‘राहुल हाथ जोड़ती हूं जरा आराम से अपने पैंतरे दिखाने को कहो अपने पहलवान से। बड़ा ही निर्दयी है तुम्हारा पहलवान।’’
फिर राहुल समझ गया कि अच्छे से और पूरी रात मजा लेना है, तो प्यार से ही काम लेना होगा। अब वह धीरे-धीरे स्वीटी की गुलाबी नगरी की सैर करने लगा। इस स्वीटी बोली, ‘‘हां राहुल..ऐसे ही कर रही थी मैं।’’ राहुल करता रहा, तो स्वीटी की आवाज में मदहोशी छाने लगी, ‘‘ओह हुल..कसम से बड़ा मजा आ रहा है’’
अब वह राहुल को खुद ही उकसाने लगी, ‘‘जरा स्पीड बढ़ाओ ना।’’
फिर राहुल एक के बाद एक जोरदार जल्दी जल्दी हमले करने लगा। स्वीटी, राहुल के नीचे हांफे जा रही थी और उसका हौसला भी बढ़ाये जा रही थी,‘‘यस जानू… ओह.. यू आर ग्रेट। तुम तो खिलाड़ी हो राहुल… तुम्हारे साथ आज ज्यादा ही मजा आ रहा है।’’ स्वीटी इतनी ज्यादा गरम हो गई कि उसने राहुल को एक ही झटके में बिस्तर पर चित्त लेटा दिया और खुद प्यार की कमान संभाल ली। अब स्वीटी, राहुल के पहलवान अपनी अंधेरी गुफा में छिपाकर उपर से खुलकर प्यार का मजा लूटने लगी।’’
जबरदस्ता जोश और टाइमिंग के लिए जोश किंग : JoshKing
नीचे से राहुल भी बुरी तरह अपने पहलवान को स्वीटी की अंधेरी गुफा में धकेले जा रहा था। स्वीटी के दोनों सख्त संतरों को उसने हाथों में ऐसे दबोच रखा था जैसे बाज अपने शिकार को दबोच लेता है। स्वीटी भी आंखें बंद किये मदहोशी में आगे-पीछे हुए जा रही थी और मुंह से नशीली आवाजें निकाले जा ही थी, ‘‘ओह मेरे राहुल.. बहुत सख्ती है तुम्हारे पहलवान में.. सच में ऐसा सख्त और खड़ूस पहलवान पाकर तो मेरी अखाड़े की मिट्टी धन्य हो गई।’’
फिर एक बार दोबारा से राहुल ने प्यार की कमान संभाल ली और स्वीटी राहुल के नीचे होकर उचक उचक साथ देने लगी। फिर तो राहुल पर ऐसा जोश छाया कि उसने एक साथ लगातार धका-धक धका-धक करते हुए हमला बोल दिया। नीचे स्वीटी की हालत बुरी थी। वह तो बहुत पहले ही चारों खाने चित्त हो चुकी थी। मगर राहुल की पिचकारी थी कि छूटने का नाम ही नहीं ले रही थी। फिर अचानक राहुल के मुंह से एक जोरदार आवाज निकली जैसे उसके पहलवान के प्राण छूट रहे हों।
उसने जोर से स्वीटी के होंठों पर दांत गढ़ा दिये और स्वीटरी के उपर ही ढेर हो गया। स्वीटी ने अपनी चिकनी गुलाबी जमीन पर राहुल के प्यार की बौछारों को अच्छे से महसूस कर लिया था। दोनों एक-दूसरे से चिपके बुरी तरह हांफ रहे थे। जो रह-रहकर इस बात की गवाही दे रहे थे, कि दोनों ही अपने प्यार की मंजिल तक अच्छे से और मजे से पहुंच गये थे। फिर दोनों एक-साथ फ्रेश होने के लिए बाथरूम में घुस गये और बाद में दोनों ने मिलकर दोबारा से बोतल में बची शराब को खत्म किया और खाना खाकर सारी रात नशे के आलम में पलंग तोड़ते रहे।
फिर इस रात के प्यार का अंजाम एक महीने बाद असर लाया, जब पता चला कि स्वीटी को इस महिने डेट नहीं आयी है। उसने राहुल से प्रिगनेन्सी किट मंगवा कर चैक किया, तो रिजल्ट पोजिटीव आया। अब तो स्वीटी ने सिर पकड़ लिया और राहुल को बुरी तरह कोसने लगी…
फिर गुस्से में लॉक डाउन का अपना ही अजीब सा मतलब निकालते हुए बोली, ‘‘तुमने ये कांड लॉक डाउन में किया है न.. तो अब समझ लो कि तुम्हारे लिए भी मेरी ओर से लॉक डाउन हो गया है।’’
इसपर राहुल ने हिम्मत करके पूछा, ‘‘म..मतलब।’’
स्वीटी ने मतलब समझाया, ‘‘मतलब ये कि मिस्टर लॉक माने ताला और डाउन मतलब नीचे। मैंने अपने नीचे के दरवाजे पर लॉक लगा दिया है तुम्हारे पहलवान के लिए। अब इसकी एन्ट्री हमेशा के लिए बंद। अब समझे लॉक डाउन का मतलब।’’
बेचारा राहुल.. हमेशा का तो पता नहीं.. मगर न जाने कितने दिनों या फिर महीनों के लिए वह अपने पहलवान की खातिरदारी खुद ही अपने हाथों से करने के लिए मजबूर हो गया था। अब तो जब भी उसका पहलवान प्यार की कुश्ती के लिए सिर उठाता, तो बेचारा चुपचाप बाथरूम में घुस जाता था।
तो ये थी दोस्तों राहुल और स्वीटी के नोक-झोंक की गरमा-गरम ठुकाई की
कहानी, जिसमें स्वीटी ना चाहते हुए भी लॉक डाउन के कारण पेट से हो गई थी। कहानी अगर थोड़ी भी पसंद आई हो तो इसे लाइक करें और ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों और रंगीन खुशमिजाज लोगों को शेयर करें। धन्यवाद।