गर्म मनोरमा का ठंडा पति | Antarvasna | Desi Kahani

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Garam Manorama Ka Thanda Pati - Antarvasna Kahani
Garam Manorama Ka Thanda Pati - Antarvasna Kahani

Manorama Ka Namard Pati | Desi Bhabhi

दोस्तों ये कहानी एक ऐसी पत्नी की है, जिसका पति बिस्तर पर तूफान मचाने से पहले ही शांत हो जाता था। यानी खेल शुरू किया नहीं, कि पहले ही खेल ख्त्म। जिसके कारण बेचारी मनोरमा को लगता था कि प्यार और मस्ती के मैदान में भले ही उसके पति का पहले ही मामला निकल गया था, लेकिन हार मनोरमा की होती थी। मनोरमा सुलगती रह जाती थी। उसका जी भी करता कि उसका पति और मर्दों की तरह उसे प्यार करें। उसके बदन को तोड़-मरोड़ कर रख दे। अपने सख्त डंडे से खूनमखान..

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मनोरमा, शौकीन की दोनों बेगमों के साथ शौकीन की मर्दानगी के किस्से सुन रही थी, कि कैसे शाकीन, उन्हें जिस्मानी तौर पर खुश रखते हैं। दोनों बेगम.. शौकीन के सख्त हथियार की दीवानी हैं। इतना ही नहीं मनोरमा को ये भी पता चला कि कभी-कभी तो ऐसी भी रात आती है, जब शौकीन, अपनी दोनों बेगमों को एक साथ अकेले ही पेलकर रख देता है। ये सुनकर तो मनोरमा के भी अरमान जागने लगे। वो सोचने लगी की काश उसका पति भी इतना ही दमदार और सुजाकर रख देने वाला होता।

शौकीन नाम के एक शख्स थे, जिनके एक नहीं, बल्कि 2 बेगम थीं। दोनों से दो-दो संतानें भी थीं। मजे की बात तो ये थी कि इसके अलावा भी शौकीन, जी अपने नाम की ही तरह बहोत शौकीन भी थे। यानी वो अपनी दोनों बेगमों को तो खुश रखते ही थे, साथ ही बाजारू औरतों के साथ भी अपनी मर्दानगी का लौहा मनवाते रहते थे। पता नहीं कहा से वो इतनी ताकत, जोश, स्टेमिना और जिगरा लेकर आते थे, कि पांच-पांच बेगमों की तो हालत बुरी कर ही देते थे, साथ ही पेशेवर औरतें भी उनके पहुंचते ही हाय-तौबा करने लगती थीं। यही दुआ करती थीं कि मेरा नंबर ना आये.. पता नहीं किस बेचारी की नीचे की दुनियां पस्त और बेहाल होने वाली है।

Mastram Story Hindi - Hindi Kahani
Mastram Story Hindi – Hindi Kahani

शौकीन जी के घर ठीक बगल में ही हिम्मत सिंह नाम का एक आदमी अपनी खूबसूरत, सेक्सी, गोरी चिकनी बदन वाली बीवी मनोरमा के साथ रहता था। जहां हिम्मत की उम्र 35 साल थी, वहीं मनोरमा की उम्र अभी केवल 25 साल की थी। उसके अंदर जवानी मस्त अंगड़ाईयां लेती रहती थीं। कसा हुआ बदन, टाइट सख्त, मोटी गोलाईयां, जिसे देखकर बूढ़ों के अरमान भी पायजामें के अंदर मचलने लगते थे।

पता नहीं क्या बात थी कि इतनी मस्तमाल बीवी के होते हुए भी हिम्मत सिंह की जब देखो पत्नी से लड़ाई होती रहती थी। गाली-गलौज, चीखने-चिल्लाने की आवाजें बाहर तक सुनाई दिया करती थीं। शौकीन तक भी कई बार सोच में पड़ जाता था, कि मेरी दोनों बेगम में से कोई भी एक ऐसी नहीं है, जो मनोरमा की खूबसूरती के सामने टिक सके। फिर भी पता नहीं हिम्मत सिंह क्यों हर रात पत्नी से लड़ता रहता है। मारपीट करता है।

खैर उसे क्या था! वो तो अपनी मर्दानगी और दोनों बेगम के साथ खुश था।

एक बार की बात है शौकीन की दूसरी बेगम से उन्हें एक बेटा पैदा हुआ तो उन्होंने आलीशान पार्टी रखी, जिसमें हिम्मत सिंह और मनोरमा को भी बुलावा भेजा गया था।

हिम्मत सिहं अपनी पत्नी मनोरमा के साथ पहुंच गया था। आय हाय क्या बला की सुंदर लग रही थी मनोरमा। उसने साड़ी पहनी हुई थी और ऊपर टाइट ब्लाज डाला हुआ था, जो इतने सख्त और उठे हुए महसूस हो रहे थे, कि किसी का भी दिल उन्हें छूने के लिए रगड़ कर मसलने के लिए बेकरार हो जाये।

पार्टी बहुत खूबसूरत थी। नॉनवेज के साथ वेटेरियन आइट भी था, ताकि किसी को कोई असुविधा ना हो और सभी खुश होकर खायें। पीने-पिलाने का दौर भी चला, तो शौकीन और हिम्मत साथ में पीने लगे। धीरे-धीरे सब मेहमान चले गये और हिम्मत सिंह और शौकीन ही रह गये। दोनों के जाम बचे हुए थे। दोनों ही मस्त नशे में थे। हिम्मत सिंह को थोड़ी ज्यादा हो गई थी।

ऐसे में मौका देखकर जब शौकीन ने पूछा कि, ‘‘भई माफ कीजिएगा, वैसे तो ये आपके घर की बात है। फिर भी पूछना चाहूंगा कि आपकी और भाभी जी क्या बनती नहीं है?’’ इससे पहले कि हिम्मत सिंह कुछ कहता, दोबारा शौकीन जी बोले, ‘‘‘दरअसल वो आपके घर से अक्सर कलेश की आवाजें आती रहती हैं।’’

‘‘अब क्या बताऊं शौकीन भाई।’’ एक गहरी सांस लेकर बोला हिम्मत सिंह, ‘‘बताने में भी झिझक महसूस होती है।’’

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‘‘अरे भई हमसे कैसी झिझक, खुलकर बताओ।’’ हिम्मत सिंह के कंधे पर हाथ रखते हुए बोले शाकीन जी, ‘‘वादा करते हैं, कोई बात हो, हम दोनों के बीच में ही रहेगी।’’

फिर हिम्मत सिंह ने बताना शुरू किया, ‘‘बात कुछ ऐसी है कि शादी के बाद कुछ महीने तक तो सब ठीक था। बीवी मुझसे खुश रहती थी। हम दोनों खूब जिस्मों का मजा लिया करते थे। मैं अपनी पत्नी को हर पोज में खूब बजाता था। कभी खड़ी करके, कभी लेटा के, कभी गोद में लेकर, कभी घोड़ी बनाकर, मतलब की बीवी की हालत पस्त कर देता था। लेकिन उसे मजा भी खूब आता था। मेरी मर्दानगी की तारीफ करते नहीं थकती थी।’’

फिर अचानक चुप हो गया हिम्मत सिंह, तो शौकीन जी बोले, ‘‘आगे बताओ.. अब भी सबकुछ ठीक ही चल रहा है ना?’’

‘‘नहीं.. भाई जान।’’ मायूसी भरे शब्दों में बोला हिम्मत सिंह, ‘‘मेरा नाम हिम्मत सिंह जरूर है, लेकिन अब मुझमें बीवी की जोरदार तरीके से लेने की हिम्मत नहीं बची। अब तो मेरा हथियार ही खड़ा होना बंद हो गया है। कभी तनाव में आता भी है, तो मामला जैसे ही अंदर पहुंचाता हूं, फिर से ठंडा और फुस्स पड़ जाता है। इतना ही नहीं, बीवी को बिना संतुष्ट करे पानी भी जल्दी गिर जाता है। ऐसे में बीवी तड़प कर रह जाती है। उसके अंदर आग ज्वाला बनकर भड़कती है। लेकिन मेरी मर्दानगी बुझी हुई राख हो चुकी है।’’

‘’हम..’’ शौकीन जी भी सोच में पड़कर बोले, ‘‘भई मामला तो वाकई गंभीर है। ऐसे में ना गलती तेरी है और ना ही भाभी जी की। भई उसने तुमसे शादी की है, तो उसकी शारीरिक भूख को शांत करना भी तुम्हारी ओर से जरूरी है। लेकिन तुम नामर्दी के मारे हो, तो तुम्हें भी क्या कहा जा सकता है।’’

अभी दोनों की बातें चल ही रही थीं कि तभी जैसे अचानक हिम्मत सिंह को कुछ याद आया और उसने पूछा, ‘‘शौकीन भाई जी, आप भी मुझे माफ कीजिए, पूछना तो नहीं चाहिए। लेकिन आपकी तो दो बेगम हैं। आप दोनों को कैसे खुश रखते हैं। यहां तो एक भी नहीं संभाली जा रही।’’

अब तक शौकीन भी गहरे नशे में हो चुका था, उसने नशे के आलम में बताया, ‘‘अरे मेरे भाई, 2 क्या.. मेरी 4-5 बेगम भी होतीं, तो मैं उन्हें भी खुश रखता। इतना दम है तेरे भाई के डंडे में.. ये तो कुछ भी नहीं, किसी को बताना मत हिम्मत भाई, मैं पेशवर औरतों की भी हालत बुरी कर देता हूं।’’

इस पर हैरान होता हुआ बोला हिम्मत सिंह, ‘‘वही तो मैं जानना चाहता हूं कि कैसे कर लेते हैं आप ये सब। कहां से इतनी ताकत, जोश और स्टेमिना लेकर आते हो?’’

फिर शौकीन ने हिम्मत सिंह को अपनी मर्दानगी का सारा राज, सारी हकीकत बता दी। जिसके बाद हिम्मत सिंह के चेहरे पर रौनक आ गई। उसे लगा अब तो वो दिन दूर नहीं, जब वो भी अपनी पत्नी की जबरदस्त ठुकाई कर सकेगा। कभी लेटाकर, कभी खड़ी करके हर तरीके से बजायेगा।

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यहां ये दोनों बातें कर रहे थे, तो वहां हिम्मत सिंह की पत्नी मनोरमा, शौकीन की दोनों बेगमों के साथ शौकीन की मर्दानगी के किस्से सुन रही थी, कि कैसे शाकीन, उन्हें जिस्मानी तौर पर खुश रखते हैं। दोनों बेगम.. शौकीन के सख्त हथियार की दीवानी हैं। इतना ही नहीं मनोरमा को ये भी पता चला कि कभी-कभी तो ऐसी भी रात आती है, जब शौकीन, अपनी दोनों बेगमों को एक साथ अकेले ही पेलकर रख देता है। ये सुनकर तो मनोरमा के भी अरमान जागने लगे। वो सोचने लगी की काश उसका पति भी इतना ही दमदार और सुजाकर रख देने वाला होता।

खैर बातों का दौर और पार्टी खत्म हुई तो हिम्मत सिंह और मनोरमा घर लौट आये। घर पहुंचकर दोनों एक-दूसरे की ओर पीठ करके चुपचाप सो गये। खैर ऐसे ही करते-करते तीन महीने गुजर गये। इस बीच एक बार भी हिम्मत सिंह ने पत्नी को हाथ नहीं लगाया था और ना ही पत्नी ने भी कोई पहल की थी।

एक रात गर्मी बहोत थी, तो मनोरमा नहाकर आई। उसने केवल खुले गले का गाउन पहना हुआ था। जिसके अंदर वो पूरी तरह खाली थी। अंदर कुछ भी नहीं पहना हुआ था। पत्नी का कामनीय रूप देखकर हिम्मत सिंह का जानवर कच्छे के अंदर हिलने-डुलने लगा। दरअसल हिम्मत सिंह भी गर्मी के कारण केवल कच्छे में लेटा हुआ था। आज उसने इतने दिनों बाद हिम्मत दिखाई और अचानक से मनोरमा को गाउन में हाथ डालकर उसके दोनों गोल संतरों को दबोच लिया।

Hindi Adult Story - Mastram Ki Kahani
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‘‘ये क्या कर रहे हो?’’ अचानक इतने टाइम बाद पति का ये रूप और हरकत देखकर मनोरमा चौंकते हुए बोली, ‘‘तुम खाली नाम के हिम्मत हो, लेकिन तुम्हारे अंदर कुछ करने की हिम्मत नहीं है। छोड़ो मुझे। बेकार में आग मत भड़काओ, बुझा तो पाआगे नहीं।’’

‘‘अच्छा ये बात है।’’ हिम्मत सिहं ने इससे आगे कुछ नहीं कहा और बीवी को पास ही पड़े सोफे पर चित्त लेटा दिया।

मनोरमा कुछ कहती, उससे पहले ही हिम्मत ने अपना आखिर अंग वस्त्र भी अलग कर दिया और मनोरमा के गाउन को भी जांघों से लेकर, कमर से लेकर ऊपर तक उठा दिया।

जिसके अंदर मनोरमा का दूधिया जिस्म कयामत ढा रहा था। मनोरमा के दोनों टाइट गोल संतरों को सामने देखकर हिम्मत सिंह के मुंह में पानी आ गया। वो मनोरमा के संतरों पर बुरी तरह टूट पड़ा। वो मजे ले-लेकर संतरों का रस चूस रहा था।

धीरे-धीरे मनोरमा को भी मजा आने लगा। उसने पति के सिर को अपनी नर्म हथेलियों ले लिया और अपने दोनों संतरों पर टिका दिया। काफी देर हिम्मत सिंह, संतरों का रस चूसता रहा।

मनोरमा की आंखें मदहोशी में बंद थीं। वो हौले से बोली, ‘‘सुनो जी,, मैं जानती हूं तुमसे कुछ नहीं हो पायेगा। प्लीज आगे मत बढ़ो रूक जाओ। कहीं तुमने मुझे बीच में ही अधूरा छोड़ दिया। तो मैं तपड़ कर रह जाउंगी। ओह..आह.. सुन रहे हो ना।’’

हिम्मत सिंह ने कुछ नहीं कहा। लगा रहा था जैसे कि आज वो मुंह से नहीं अपनी सख्त मर्दानगी से ही जवाब देगा। फिर उसने मनोरमा के संगमरमरी जिस्म से गाउन को पूरी तरह जुदा कर दिया। अब मनोरमा पूरी तरह तन से खाली हो चुकी थी.. वो सोफे पर शमरमायें पलके झुकाए चित्त पड़ी थी। फिर जैसे ही हिम्मत ने अपना सख्त मामला अंदर किया, तो एक बार को बिदक पड़ी मनोरमा, ‘‘उई मां.. ये क्या डाल दिया। कितनी मोटी लकड़ी है मुझे दर्द हो रहा है।’’

फिर जब एक नजर मनोरमा ने पति के हथियार पर डाली तो वो भौंचक्की रह गई। ये लकड़ी नहीं थी, बल्कि पति का मोटा, सख्त लंबा लकड़ा था। जो ऐसे फनफना रहा था कि मानो आज सुजाकर ही रख देगा।

जिसे देखकर मनोरमा इतनी खुश हो गई उसने खुद ही पति के लकड़े को हाथ में लेकर, मुंह की गर्मी देना शुरू कर दिया।

इसकी कल्पना हिम्मत सिंह ने दूर-दूर तक नहीं की थी। पत्नी सांसों की कैद में अपने लकड़े पर ऐसी मदहोशी देखकर हिम्मत सिंह को बहोत मजा आने लगा।

उसे लगा वो किसी और ही दुनियां में है। वो इतना जोश में आ गया कि पत्नी के सिर को पकड़ कर बुरी तरह अपने मोटे लकड़े पर सटा दिया। बेचारी मनोरमा गों…गों.. करती रह गई। लेकिन उसे भी बड़ा अच्छा लग रहा था।

पत्नी की ओर से इतनी मस्त सेवा देखकर हिम्मत सिंह में पूरे मूड में और जोश में आ गया…

उसने भी पत्नी के नीचे की बगिया में खिली गुलाबी पंखुड़ियों को जीभ से पुचकारना शुरू कर दिया… देखकर हिम्मत सिंह रूका नहीं.. वो अपनी ओर बीवी को संतुष्ट करने की पूरी कोशिश कर रहा था..

मनोरमा को बहोत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा… उसे लगा कि आज ये कौन-सा जादू है..

Hot Manorama - Desi Bhabhi Kahani
Hot Manorama – Desi Bhabhi Kahani

जो पति से इतना जोश और मदहोश कर देने वाला प्यार मिल रहा है.. उसने भी पति के सिर को पकड़ कर अपनी नीचे की गुलाबी दुनियों में जोर से सटा दिया… हिम्मत सिंह को थोड़ी परेशानी जरूर हुई… लेकिन जिस तरह मनोरमा.. खुश थी… मदहोश थी.. और मुंह से नशीली आवाजें निकाल रही थी.. ओह… मेरे सनम… आह.. ये क्या कर रहो हो… बहुत मजा आ रहा है… आज तक क्यों नहीं किया अपनी मनोरमा को ऐसे प्यार…’’ इस सब सुनकर और देखकर हिम्मत सिंह रूका नहीं.. वो अपनी ओर बीवी को संतुष्ट करने की पूरी कोशिश कर रहा था..

तभी अचानक मनोरमा ने पति के सिर को पकड़ कर… वहां से हटा दिया और बोली, ‘‘बस करो… क्या ऐसे ही मुंह की गर्मी से ही पिघला दोगे मुझे… मुझे तो तुम्हारे सख्त डंडे की चोट सहनी है… और शांत होना है…’’

फिर तो दोस्तों हिम्मत सिंह ने पता नहीं कैसे-कैसे आसनों में पत्नी मनोरमा की हालत खराब करके रख दी.. उसने हर पोज में पत्नी को ऐसा सख्त मजा चखाया.. कि बेचारी चारों खाने चित्त हो गई… यहां तक कि मनोरमा की पीछे की दुनियां भी अपने सख्त प्यार से सजा दी थी.. जिसके बाद तो बेचारी मनोरमा इतनी पस्त हो गई.. इतनी पस्त हो गई… कि बेचारी… सबकुछ होने के बाद फ्रेश होने के लिए भी लड़खड़ाती हालत में बाथरूम में घुस पाई थी… ठीक से चल भी नहीं पा रही थी…

खैर दोनों प्यार से मिलकर एक साथ बाथरूम में फ्रेश हुए और अपने-अपने कपड़े पहन कर बिस्तर एक-दूसरे की बांहों में सिमट कर लेट गये और बातें करने लगे…

जहां-जहां बातों ही बातों में हिम्मत सिंह ने मनोरमा को बताया कि.. दरअसल ये सब शौकीन भाई की नसीहत का कमाल है… उन्होंने ही उसे आयुर्वेदिक दवा, जोश किंग खाने की नसीहत दी थी..’’

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सुनकर हैरानी से बोली मनोरमा, आयुर्वेदिक दवा.. जोश किंग.. मैं समझी नहीं..।’’

फिर हिम्मत सिंह ने सारी बात खुलकर बताते हुए कहा, दरअसल उस रोज शौकीन भाई के यहां बच्चे की पार्टी में जब हम गये थे..

तो तब उन्होंने बताया था कि जब उनका पहली बेगम से निकाह हुआ था… तब ना जाने कैसे वो नामर्दी के शिकार हो गये थे…

ठीक से सामान में तनाव नहीं आता था… जोश की कमी थी.. जल्दी प्यार की पिचकारी खाली हो जाती थी…

जिसके कारण उनकी पहली बेगम उन्हें छोड़कर अपने पिहर में ही रहने लगी थी… कई महीने हो गये थे..

शौकीन ने लाख मनाया लेकिन वो ससुराल नहीं लौटी… तब शौकीन ने दूसरा निकाह कर लिया था..

लेकिन इस बीच शौकीन भाई ने अपनी खोयी हुई मर्दानगी को दोबारा हासिल कर लिया था..

दरअसल शौकीन भाई को डर था कि उनकी नामर्दी के चलते.. कहीं पहली बेगम की तरह..

उनकी दूसरी बेगम भी उन्हें छोड़कर ना चली जाये… इसलिए उन्होंने इंटरनेट के जरिए.. अपनी समस्या का समाधान ढूंढ लिया था…

उन्हें आयुर्वेदिक दवा जोश किंग के बारे में जानकारी मिली थी।

दरअसल उन्हें एक वेबसाइट दिखी.. JoshKing.in … जब उन्होंने से खोलकर पूरा पढ़ा… तो उन्हें JoshKing की सारी जानकारी मिली।

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तब उन्होंने भरोसा दिखाया और इसी वेबसाइट में दिये गये फ्री हेल्पलाइन नं0 पर कॉल करके दवा ऑर्डर कर दी… पहले एक महीने की दवा मंगाई…

फिर जब उन्होंने असर दिखाई देने लगा… तब उन्होंने दो महीने की दवा और ऑर्डर कर दी..

दरअसल एक तो पहली बेगम उनके पास थी नहीं… दूसरा उन्होंने खुद को ट्राई भी करना था कि आखिर उन्हें कितना फायदा पहुंच रहा है…

इसी चक्कर में उन्होंने पेशेवर महिलाओं से संबंध बनाना शुरू कर दिया था और तभी उन्हें पता चला था कि वाकई उन्हें जोश किंग से फायदा पहुंच रहा है..

इसके बाद ही उन्होंने दो महीने की दवा और ऑर्डर की थी… और उन्हें अपनी खोई हुई मर्दाना ताकत पाने में मदद मिली थी..

इसलिए शौकीन अब अपनी दूसरी बेगम को हर तरह से खुश रख पाता था.. मन से, धन से और अपने सख्त तन से भी…

फिर जब किसी तरह शौकीन की मर्दानगी की बात… उनकी पहली बेगम को पता चली और साथ में ये भी पता चला कि.. उनकी दूसरी बेगम पेट से है… तो उनकी पहली बेगम भी वापिस लौट आयी.. और जब उसने भी शौकीन के सख्त डंडे का स्वाद चखा.. तो.. वो भी हैरान रह गई… क्या मस्त बजाया था उसने उसे..

पहली बेगम के वापिस आने से.. घर पर बवाल तो हुआ.. मगर शौकीन ने किसी तरह दोनों को साथ में रहने के लिए राजी कर लिया.. और वादा किया कि दोनों को हर तरह से खुश रखने में कोई कसर बाकी नहीं छोडे़गा… ना मन से.. ना धन से और ना ही अपने सख्त तन से…

दोस्तों आज शादी को कई साल बाद हिम्मत सिंह भी बाप बनने वाला था… जिसके लिए उसे समझ नहीं आ रहा था कि शुक्रिया शौकीन भाई का करे.. जिसने सही वक्त पर सही नसीहत दी या फिर जोश किंग का… जिसने उसे मर्द और बाप दोनों बनाने में मदद की थी…

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