desi सुहागरात

0
1683

पहले स्त्री-मिलन की कहानी यानि desi सुहागरात में नीतू ने विवेक को कैसे अपनी जवानी खुलकर दी, पढ़िये और खड़ा कीजिये…

”यार, वह लड़का तो तुम्हारे पीछे ही पड़ा हुआ है।“ desi सुहागरात की इस रोमांचक कहानी में… रोशनी ने नीतू से कहा।

”हां… हां… नीतू क्या कहता है वह?“ साथ ही बैठी अन्य सहेली पूनम ने भी नीतू से छेड़ करते हुए पूछा।

”अरे यार! उस रोज तो उसने क्लास रूम में हंगामा ही खड़ा कर दिया था।

लड़के की अकड़ देखो कि वह हमारी नीतू को चूमने की जिद कर बैठा।

यह तो अच्छा हुआ कि उसी बीच सर आ गए।

वरना वह पागल जरूर अपने मन की कर चुका होता।“ रोशनी ने बताया।

”यार, यह सब इतना आसान नहीं है

अगर वह इतनी हिम्मत दिखाता, तो मैं चप्पल से उसका हुलिया ही बिगाड़ कर रख देती।

ऐसी मजनू की औलाद को सबक सिखाने के लिए मैंने जूड़ो-कराटे भी सीख रखे हैं।“ पूनम ने जोश दिखाते हुए कहा।

”पर कुछ भी कहो, पूनम…. वह अजीब सनकी इंसान है। हर वक्त हमारी नीतू के पीछे पड़ा रहता है।“

यह desi सुहागरात की कहानी आप mastramkikahani.com पर पढ़ रहे हैं

”एक बात बताओ नीतू, सच बताना…. क्या तुम भी उस लड़के को चाहती हो?

इसलिए पूछ रही हूं, क्योंकि विवेक बुरा नहीं है, अच्छे खानदान का लड़का है

उसके पिता बिजनेस मैन हैं, घर में क्या कुछ नहीं है उसके….।“

रोशनी ने मजाक में छेड़खानी करते हुए कहा।

”अगर विवेक पर इतना ही मेहरबान हो, तो तुम ही क्यांे नहीं उसको अपने गले का हार बना लेती?

मुझे तो रत्ति भर भी नहीं सुहाता वो कमीना।“

नीतू ने मुंह बनाते हुए कहा, ”जानती हूं इन लड़कों की फितरत को।

प्यार के नाम पर अपने हवस की आग को हवा देंगे। उसे मुझसे नहीं बल्कि मेरे शरीर से प्यार है।“

”वैसे एक बात तो है नीतू।“

रोशनी छेड़ते हुए बोली, ”तेरा फिगर यानी शारीरिक डील-डौल है तो वाकई बड़ा गजब का।

यह desi सुहागरात की कहानी आप mastramkikahani.com पर पढ़ रहे हैं

ये गुलाबी होंठ… सुतवा नाक…सुराही सी गर्दन… गोल-गोल…“

”बस भी कर बेशर्म लड़की।“

नीतू हौले से मुस्कराते हुए रोशनी के सिर पर थपकी मारती हुई बोली

”अब तो उस विवेक से ज्यादा मुझे तुझसे डर लग रहा है।

कितना गंदा बोल रही है तू…गोल..गोल.. क्या?“

desi suhagrat - josh king
desi suhagrat – josh king

”अब तेरी खुद की ही सोच बुरी है, तो मैं क्या कर सकती हूं नीतू रानी।“ रोशनी, बोली

”मेरी जान मैं तेरी गोल-गोल आंखों के बारे में बोल रही थी, जो बड़ी कजरारी हैं।“

वह तपाक से नीतू के कबूतरों को छूकर बोली ”तेरे इनसे मुझे क्या मतलब।

भगवान ने मुझे भी लड़की बनाया है और मेरे पास भी तेरे ही जैसे…।“

”अब चुप भी कर रोशनी।“

किसी भी सेक्स समस्या के लिये sexsamasya.com

इस बार पूनम भी हंसते हुए बोली, ”कितना बोलती है तू।“

फिर एकाएक वह भी मजाक के मूड में आ गई

”वैसे नीतू बोल तो सही रही है ये रोशनी पगली लड़का तो अच्छा है।“

”अब तू शुरू मत कर पूनम।“ खीझ कर बोली नीतू

”अगर ऐसा है, तो तू ही बना लेना उसे अपने गले का हार।“

”ऐसा मत कहो मेरी जान मैं तो उसे जरूर अपने गले का हार बना लेती। \

मगर वो तो तुम्हारे नाम की माला जपता रहता है सिर्फ तुम्हें चाहता है…तुम्हें प्यार करता है..।“

पूनम मजाक में आंहे भरते हुए बोली।

”प्लीज़, इस टाॅपिक को यहीं छोड़ दो यार!

और कुछ भी बात कर सकते हैं हम लोग।“ दोनों सहेलियों की बातों पर झुंझलाते हुए नीतू बोली।

अचानक वातावरण में शोखी व मस्ती में कुछ खलल पड़ा तो नीतू के साथ काॅलेज से घर की ओर लौट रही

यह desi सुहागरात की कहानी आप mastramkikahani.com पर पढ़ रहे हैं

हंसी व कहकहों के बीच मस्ती का आनंद लेती लड़कियां एकाएक ठिठक-सी गयीं।

रोशनी व पूनम ने पीछे मुड़कर देखा वही लड़का विवेक उनके पीछे-पीछे आ रहा था।

एक लड़की ने नीतू को चिकोटी काटी, तो वह भी पीछे मुड़कर देखने लगी।

सचमुच वह विवेक ही था, जो बाइक से आ रहा था।

विवेक को देखकर सभी लड़कियां एक पेड़ के नीचे आकर खड़ी हो गयीं।

desi suhagrat - shukra king
desi suhagrat – shukra king

इस बीच नीतू ने एक प्लान बना लिया था कि आज इस मजनंू का भूत उतारना ही होगा।

अन्यथा उसकी हरकतों के चलते वह पूरे काॅलेज व गांव में बदनाम हो जाएगी।

इस मुसीबत की घड़ी में सभी लड़कियों ने नीतू का साथ देने का वायदा किया

और विवेक के वहां पहुंचने का इंतजार करने लगीं।

विवेक पेड़ के पास आकर रूक गया।

उसने बाईक एक ओर खड़ी कर दी और नीतू के पास चला आया।

वह बोला, ”नीतू, सचमुच मैं तुम्हारे प्यार में पागल हो गया हूं।

मैं बहुत कोशिश करता हूं कि तुम्हारी यादों से बचूं, तुम्हारी सूरत अपनी आंखों से, अपने मन से उतार दूं।

यह desi सुहागरात की कहानी आप mastramkikahani.com पर पढ़ रहे हैं

मगर दिल है कि मानता नहीं। प्लीज़ नीतू, मेरा प्यार कबूल कर लो, अन्यथा में खुदखुशी कर लूंगा।“

”ओह, तो तुम मुझे इमोशनली ब्लैकमेल करने आए हो।

मैं तुम्हारी सर से प्यार का भूत ऐसे उतारूंगी कि कभी तुमने सपने में भी सोचा नहीं होगा।“

”नीतू, तुम्हें मेरा सच्चा प्यार कबूल करना ही होगा।“

”अगर मैंने ऐसा नहीं किया तो?“

”तो मैं इस कुंए में कूद कर अपनी जान दे दूंगा।“

”ऐसी ही बात है, तो ठीक है…. दे दो अपनी जान।

मैं भी तो देखूं एक सच्चे आशिक की मौत का नजारा।“

नीतू ने तेवर दिखाते हुए कहा और पैर पटक कर आगे बढ़ गयी।

कुछ ही क्षण बीता था, कि अचानक एक साथ सभी लड़कियों ने जोर-जोर से चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया।

सचमुच विवेक ने कुएं में छलांग लगा दी थी।

किसी भी सेक्स समस्या के लिये sexsamasya.com

बचाओ…बचाओ…।“

जब नीतू ने देखा कि विवेक कुएं में डूब रहा है, तो उसे बचाने के लिए वह भी चीख-पुकार मचाने लगी।

विवेक ने उस अंध कूप में छलांग लगाने के बाद कुएं की जंजीर पकड़ रखी थी।

वह वहीं से चिल्ला रहा था, ”प्लीज़ नीतू मान जाओ अन्यथा मैं यह जंजीर छोड़ दूंगा।

मैं अगर मर गया, तो मेरी रूह तुम्हें भी चैन से नहीं जीने देगी।“

नीतू खामोश थी। उसकी समझ में नहीं आ रहा था, कि वह क्या करे? क्या नहीं?

desi suhagrat - peny king
desi suhagrat – peny king

जब कुएं में कूदे विवेक ही हालत निरंतर खराब होती गई और ऐसा लगने लगा कि

अब उसके हाथ से जंजीर छूटने ही वाली है तो लड़कियों को उस पर दया आने लगी।

उन्होंने नीतू को मजबूर करना शुरू कर दिया।

आखिर नीतू पिघल गयी उसने विवेका का प्यार कबूल कर लिया।

उसके बाद विवेक कुंए से निकल कर बाहर आ गया।

यह desi सुहागरात की कहानी आप mastramkikahani.com पर पढ़ रहे हैं

उस रोज नीतू ने महसूस किया कि विवेक जिद्दी भी है व हिम्मती भी….

जाने वह कौन-सा वेग था कि नीतू अनायास ही विवेक के प्रति उदार होती चली गयी?

उस रोज से विवेक व नीतू दोनों दोस्त बन गए। गुजरते लम्हों में उनकी दोस्ती प्रगाढ़ होती चली गयी।

अब तक नीतू ने महसूस कर लिया था, कि विवेक उसे सच्चे दिल से चाहता है

उसे हमेशा खुश रखने में ही अपनी खुशी मानता है।

उसके दिल में विवेक को अपना जीवन साथी बनाने की चाहत अंगड़ाईयां लेने लगीं।

एक रोज जब दोनों कहीं घूमने जा रहे थे

तब नीतू ने ही कहा, ”विवेक, शादी के बारे में तुम्हारा क्या ख्याल है?“

”नीतू, मैं तो सिर्फ इतना जानता हूं कि तुम ही मेरी जिन्दगी हो।

अगर तुम खुशी-खुशी तैयार हो गयी, तो मैं खुद को ज्यादा खुशनसीब समझूंगा।“

यह desi सुहागरात की कहानी आप mastramkikahani.com पर पढ़ रहे हैं

”ठीक है, तुम अपने घर वालों को बता दो और मैं भी अपने घर वालों को हमारी शादी के लिए तैयार करती हूं।“

चूंकि नीतू व विवेक एक-दूसरे से प्यार करते थे

दोनों ने साथ-साथ जीने व साथ-साथ मरने का इरादा कर लिया था।

अतः घर वालों ने उनके फैसले पर एतराज नहीं किया और दोनों की शादी कर दी।

उनकी शादी अत्यंत धूमधाम से सम्पन्न हो गयी थी।

नीतू शादी के बाद दुल्हन बनकर ससुराल आ गयी।

peny king
peny king

विवेक की खुशी के मारे, उसके कदम ठीक से धरती पर नहीं पड़ रहे थे।

उसने एक जंग जीत ली थी।

एक जिद्द की थी उसने, जिसे उसने पूरा कर लिया था।

जिसकी खुशी उसके रोम-रोम से पुलकित हो रही थी।

दिन तो वर-वधू के शादी-संस्कारों को पूरा करते ही बीत गया।

जब रात हुई तो उनके सुहागरात का कक्ष तैयार हो गया।

नीतू सुहागकक्ष में दाखिल होकर बड़ी बेसब्री से विवेक का इंतजार करने लगी

किसी भी सेक्स समस्या के लिये sexsamasya.com

तो शायद नीतू से भी ज्यादा बेसब्र था

विवेक, जो कब का कमरे में आकर एक ओर छिप गया था।

desi - kahani
desi – kahani

बत्ती बुझाऊं?“ अचानक नीतू के सामने आकर विवेक ने खिलखिलाते हुए कहा

तो नीतू ने भी हंसते हुए उसे अपने अंक(बांहों) में भींच लिया।

फिर विवेक ने नीतू को पलंग पर लेटा दिया और दरवाजा बंद करने चला गया।

बत्ती बुझा कर विवेक, नीतू के बेड पर आया और नीतू को बांहों में भरकर चूमने लगा।

तभी नीतू हौले से उसके कान में बोली, ”वैसे तुम पहले हो जो अपनी नई नवेली दुल्हन का जिस्म नहीं देखना चाहता और बत्ती बंद करके सुहागरात मना रहा है।“

कहकर नीतू ने आंखें नीची कर लीं।

ये सुनकर मुस्कराया विवेक, ”क्या बात है मेरी जान।

तुम उजाले में संकोच या शर्म महसूस न करो, इसलिए मैंने बत्ती बुझा दी थी।“

”मैं तुम्हारी पत्नी हूं और आज हमारी सुहागरात है। तुम्हें पूरा हक है मुझे जिस मर्जी अवस्था में देखने का।“

कहकर आमंत्राण भरी निगाहों से वह विवेक को देखने लगी।

यह desi सुहागरात की कहानी आप mastramkikahani.com पर पढ़ रहे हैं

फिर विवेक ने पुनः कमरे की बत्ती जला दी। उजाला हुआ, तो विवेक हैरान रह गया…

सामने बेड पर उसकी पत्नी ऊपरी बदन से बिल्कुल निर्वस्त्रा बैठी थी।

kahani - modeling
kahani – modeling

उसके कठोर कबूतर बड़े ही प्यारे व आकर्षक लग रहे थे।

अंधेरे में कब नीतू ने अपने वस्त्रा उतार दिये, विवेक को पता ही नहीं चल पाया।

वह एकटक नीतू की देह को देखता रहा और लार टपकाता रहा…

peny king - desi suhagrat
peny king – desi suhagrat

”अब देखते ही रहोगे या करीब भी आआगे…?“

अपनी गोरी बांहें फैलाती हुई बोली नीतू, ”desi सुहागरात नहीं मनानी क्या?“

”हां..हां.. बिल्कुल।“ विवेक अपने वस्त्रा अपने शरीर से जुदा करता हुआ बोला।

फिर देखते ही देखते वह पूर्ण निर्वस्त्रा हो गया और पत्नी को भी उसी अवस्था में ले आया।

अब सुहागकक्ष में दोनों पति-पत्नी आदमजात अवस्था में बिस्तर पर थे…

विवेक ने हौले से नीतू को बेड पर चित्त लेटाया और उसके ऊपर झुक कर उसके कबूतरों को पुचकारने लगा।

यह desi सुहागरात की कहानी आप mastramkikahani.com पर पढ़ रहे हैं

एकाएक नीतू के मुख सीत्कार निकलने लगी…

स…स..ह..म..।“

वह मस्ती भरी आवाज में बोली, ”और प्यार करो इन्हें। करते रहो…अच्छा लग रहा है।

मुख के साथ, हाथों का स्नेह भी दो न इन्हें।“

”ये लो मेरी जान।“ कहकर विवेक ने नीतू के कबूतरों को हाथ में ले लिया

और धीरे-धीरे स्पर्श कर स्नेह देने लगा।

modeling - desi
modeling – desi

”सुनो जी।“

”जी नहीं.. सिर्फ विवेक कहो।“

”अच्छा बाबा।“ मुस्करा कर बोली नीतू, ”मेरे विवेक।“

”ये हुई न बात।“ विवेक बोला, ”अब कहो क्या बात है?“

”मैं चाहती हूं अब तुम सीधे लेटो और मैं तुम्हारे ऊपर आकर तुम्हें प्यार करूं।“

”हां..हां मेरी जान।“ विवेक, नीतू के ऊपर से हटा और स्वयं लेट गया।

तभी मुस्करा कर बोली नीतू, ”अब देखो पति देव जी, अपनी पत्नी का कमाल।“

किसी भी सेक्स समस्या के लिये sexsamasya.com

कहकर नीतू ने पहले माथे पर, फिर होंठ पर फिर गर्दन पर

उसके बाद छाती से होते हुए नीचे पैर तक विवेक को चूम डाला।

विवेक आंखें बंद किये मस्ती के आलम में किसी दूसरी ही दुनियां में खो गया था।

josh king
josh king

विवेक के आनंद का पारा तो तब और बढ़ गया जब एकाएक अनोखा कार्य नीतू ने कर डाला।

उसने विवेक के खूंखार ‘अपराधी’ को पकड़ा और अपनी मौखिक मार मारने लगी।

उस वक्त तो विवेक के मुंह से बहुत ही मादक सिसकियां निकलले लगी…

hindi desi
hindi desi

ओह नीतू…येस ओह बेबी…।“

वह आंखें बंद किये बड़बड़ाता रहा,

”कहां से सीखी ये अदा, मार ही डाला तूमने। ओह..।“

नीतू कुछ पल विवेेक के ‘अपराधी’ की मौखिक पिटाई करती रही।

किसी भी सेक्स समस्या के लिये sexsamasya.com

फिर तभी एकाएक नशीली आवाज में बोला विवेक

”छोड़ दो मेरे अपराधी को नीतू…बस करो… बस करो… वरना ‘अपराधी’ की तबियत बिगड़ जायेगी

और यह तुरन्त ही उल्टी करने लगेगा।“

फिर फौरन नीतू ने विवेक के अपराधी को मुक्त किया

और फिर पुनः वह बिस्तर पर लेट गई और बोली

desi - josh king
desi – josh king

”क्या ऐसा ही कार्य आप मेरे साथ कर सकते हो?“

विवेक समझ गया कि नीतू क्या चाह रही है…?

फिर वह भी नीतू की ‘चोरनी’ की मौखिक पिटाई करने लगा

जिससे नीतू भी मदमस्त हो गई।

फिर कुछ देर ऐसा ही कार्यक्रम चलता रहा।

अब दोनों ही बुरी तरह कामाग्नि में जल रहे थे।

यह desi सुहागरात की कहानी आप mastramkikahani.com पर पढ़ रहे हैं

इस पर नीतू पहल करती हुई बोली

”विवेक अब सब्र नहीं होता, अब जल्दी desi सुहागरात की असली

और आखिरी रस्म भी पूरी कर डालो।

suhagrat - desi
suhagrat – desi

यानी स्त्राी-पुरूष मिलन की कार्यवाही पूरी की जाये।

फिर क्या था…

विवेक ने आव देखा न ताव झट से अपनी ‘बंदूक’ के साथ नीतू की ‘घाटी’ में उतर गया।

नीतू तिलमिला उठी,

आह…उई मां.. क्या कर रहे हो विवेक।“ वह जबड़े भींचते हुए बोली

”पत्नी हूं तुम्हारी कोई दुश्मन नहीं, जो अपनी बंदूक के साथ मेरी कोमल घाटी में जोरदार फायरिंग कर दी।

desi - suhagrat
desi – suhagrat

जरा प्यार से फायरिंग करो।“

ये लो रानी।“

अब हौले-हौले विवेक अपनी बंदूक से फायरिंग करने लगा।

फिर तो काफी देर तक दोनों सुहागरात के कार्य को अंजाम देते रहे

यह desi सुहागरात की कहानी आप mastramkikahani.com पर पढ़ रहे हैं

और एक क्षण वो भी आया जब दोनों बुरी तरह हांफते हुए एक-दूसरे से अलग हुए।

दोनों ही पूर्ण संतुष्ट हो गये थे। यानी desi सुहागरात कार्य सम्पन्न हो चुका था।

कहानी लेखक की कल्पना मात्र पर आधारित है व इस कहानी का किसी भी मृत या जीवित व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है अगर ऐसा होता है तो यह केवल संयोग मात्र होगा।

peny king
peny king

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here