कामुक मोना | Hindi Antarvasna Kahani | Hindi Romantic Story | Mastram Ki Kahani

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Kamuk Mona - Mastram Ki Kahania
Kamuk Mona - Mastram Ki Kahania

दोस्तों ये कहानी है बहुत ही खूबसूरत चिकनी और कसे हुए बदन वाली मोना की। जोकि अभी बस 22 साली की है लेकिन शादीशुदा है। उसकी लवमैरिज बंटी के साथ हुई थी। बंटी भी बहुत हैंडसम था और मोना को बहुत प्यार करता था। उसकी हर छोटी से छोटी और मंहगी जरूरत को मोना के कहने से पहले ही पूरा कर दिया करता था। लेकिन हां दोस्तों रात को बंटी बीवी से सारा खर्चा बड़े ही जोरदार तरीके से वसूला करता था। सारी रात मोना को सोने नहीं देता था। आखिर मोना थी ही इतनी हॉट और सेक्सी। क्या सख्त गोल टाइट संतरे थे उसके। जब टाइट टीस कसी हुई टीशर्ट पहनती थी, उसके दोनों सख्त गोल कबूतर ऐसे लगतो, मानों अभी हाथ में आ जायेंगे। पतली कमर, पीछे से उठी हुई उसकी मस्त पिछवाड़ी। कुल मिलाकर रात भर मोना की चीखे निकलवा देता था बंटी। जिसमें बेशक बेचारी मोना की हालत बुरी हो जाती थी। लेकिन उसे बंटी के सख्त, मोटे डंडे के नीचे पिसकर मजा भी बड़ा आता था। आखिर एक खूबसूरत जवान बीवी को पति से दो ही चीजें तो चाहिए होती है। एक पहला सम्मान और दूसरा पति का मोटा सामान। जो बंटी से मोना को दोनों ही मिल रहे थे।

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कुल मिलाकर दोनों की जिंदगी और रातें मस्त कट रही थी। लेकिन धीरे-धीरे जब शादी को 4-5 साल हो गये तो पता नहीं क्यों मोना का मन अब बिस्तर पर मजे करने से हटने लगा था। उसकी दिलचस्पी अब पति के डंडे में कम होने लगी थी।

बंटी जब भी बिस्तर पर उठा-पटकी का खेल खेलने के लिए मोना से कहता तो, मोना हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर टालने लगी थी। जैसे कि कभी कहती आज सिर में दर्द है। आज घर के काम-काज में बहुत थक गई हूं। थकान महसूस हो रही है। कभी कमजोरी लग रही है, क्योंकि पीरियड् चालू हैं, जिसमें ब्लीडिंग ज्यादा हो रही है दर्द भी हो रहा है।

बीवी के इन रोज के बहानों से बंटी बहुत तंग आ चुका था। कहां शादी की शुरूआत में बंटी मोना की क्या लेता था और मोना भी क्या मजे से देती थी। लेकिन अब तो जैसे बंटी के लिए मोना की नीचे की गुलाबी चिकनी दुंनियां में लॉक डाउन ही लग गया था। वहां बंटी के सख्त की जानवरी की एन्ट्री ही लगभग बंद हो चुकी थी। कभी महीने में एक बार कर लिया तो कर लिया।

अब इस बात को लेकर रोज रात को पति-पत्नी के बीच में खूब बहस और झगड़ा होता। ये सब मोना की सास भी देखा और सुना करती थी। एक दिन मोना की सास यानी बंटी की मां को कलेश की असली वजह पता चल ही गई।

इसलिए एक दिन सास ने मौका देखकर मोना से अकेले में उसे प्यार से समझाते हुए कहा, ‘‘इसलिए मैं तुम्हें कहती थी कि बच्चा जल्दी कर लो। लेकिन तुम दोनों को तो जवानी के मजे लंबे समय के लिए लेने थे। अरे एक दो साल बहुत थे, ठुकम-ठुकाई के खेल के लिए। तीसरे साल में तो हमारी गोद में हमें पोता दे देते। अब होने लग गई ना समस्या तुम्हारे साथ।’’

इस पर मोना भी थोड़ा भावक होकर बोली, ‘‘समस्या तो मां जी आपको लग रही है ना, क्योंकि आप भी एक औरत हैं और जानती हैं कि एक औरत के साथ ये समस्याएं लगी रहती हैं। लेकिन तुम्हारे बेटे को तो मेरा सिर्द, कमजोरी, थकान ये सब बहानें लगते हैं। उन्हें लगता है कि मेरा मन अब घपा-घप-घपाघप क वाले खेल से मन भर गया है।’’

इसके बाद सास ने पता नहीं ऐसी कौन सा ऐसा पाठ मोना को पढ़ाया कि धीरे-धीरे मोना फिर से पहले जैसी होने लगी। इस बात को 10 से 15 दिन हो गये। इसी बीच मोना के बदन की आग में काफी फरक आ गया था।

उस रात जब बंटी ऑफिस से घर पहुंचा तो, खुद मोना ने बंटी कि दबोच लिया और उसके होंठों पर एक जोरदार किस्स करके उसके पैन्ट के ऊपर से ही उसके सख्त तोते तो सहला दिया। एक जोरदार करंट बंटी के पूरे बदन में दौड़ गया।

Antarvasna Kahani - Mastram Ki Kahania
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उसने इसकी कल्पना तक भी नहीं की थी। क्योंकि अंदर अलग कमरे में बंटी के मां-बाप भी मौजूद थे। जोकि गलती से वो भी देख सकते थे, जिसका डर मोना भुला बैठी थी और बंटी को इस तरीके से छेड़ दिया था। फिर क्या था बंटी ने ना तो पहले पानी पिया और ना खाना खाया, सीधा बेडरूम में मोना को पानी पिला दिया।

अब बंटी को बहुत अच्छा लग रहा था। मोना की जवानी लौट रही थी। लेकिन कुछ कोर-कसर अब भी बाकी थी। जोकि उसे लगा कि वो भी धीरे-धीरे पूरी हो जायेगी। इसी तरह धीरे-धीरे एक से दो महीने गुजर गये। अब तो बंटी की मोना, आग का एक शोला बन चुकी थी।

मौका मिलने पर दिन में भी पति को जकड़ लेती थी और बोलती, ‘‘अब तुम्हारी मोना कोई बहाना नहीं बनायेगी। कोई परेशानी या समस्या बताकर तुमसे दूर नहीं जायेगी। बल्कि बार-बार तुम्हारे पास आयेगी।’’

अभी हाल ही में बीती रक्षाबंधन की बात है। बंटी की मां यानी मोना की सास, अपने पति के साथ अपने भाई को राखी बांधने दूसरे शहर में चली गई थी। मोना भी बंटी के साथ रक्षाबंधन पर मायके में समय से राखी का त्यौहार मनाकर उसी दिन अपने घर ससुराल में लौट आई थी।

आज रात बंटी और मोना की सबसे रंगीन रात थी। उस रोज बंटी सारा खाना बाहर से ही ऑर्डर कर दिया। तो दोनों को पूरा समय मिल सके। उस रात बंटी जो रात 8 बजे से जो शुरू हुआ। सीधा रात के दो बजे रूका। इसी बीच उसने 4 से 5 बार मोना की सुजाकर कर रख दी थी।

उसने आगे से पीछे से, बैठा के, लेटा के, खड़ी करके, घोड़ी बनाके। हर आसन में बेचारी मोना का भूत बना दिया था। मोना बेहाल और बुरी तरह पस्त हो चुकी थी। लेकिन वो बहुत खुश थी कि उसे एक सॉलिड मर्द मिला है। बेशक जान निकाल दी, लेकिन जो मजा भी दिया है वो कोई और मर्द नहीं दे सकता। फिर साथ में दोनों नहायें जहां बंटी ऐसे ही मजाक करते हुए बोला, ‘‘मोना, अपनी पीछे वाली दोना।’’

Hindi Adult Story - Mastram Ki Kahania
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इस पर मोना भी हंसते हुए बोला, ‘‘मेरे बाबू शोना, अब तो मुझे बख्शो ना।’’

इसपर दोनों साथ में हंस पड़े और रात के दो ढाई बजे दोनों ने होटल से मंगाया हुआ खाना गर्म करके खाया। और एक-दूसरे की बाहों में सो गये।

इस घटना के एक महीने बाद सास को पता चला कि मोना पेट से है. तो सास का खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने मोना के गालों को चूमते हुए कहा, ‘‘वाह तुमने तो कमाल कर दिया बेटी।’’

इस पर मोना थोड़ा इमोशन हो गई और बोली, ‘‘ये सारा कमाल तो आपकी सलाह का है मां जी। आपने ही तो मुझे काहन आयुर्वेदा (KAAHAN AYURVEDA) कंपनी की आयुर्वेदिक दवाई ‘वैनीटल’ (VANITAL) का इस्तेमाल करने की सलाह दी थी।”

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“याद है ना आपने ही तो कहा था आपकी बेटी यानी मेरी ननद, भी पहले अपनी ससुराल में यही सब सारी समस्याओं से परेशान थी। फिर उसने भी वैनीटल अपनी सहेली के बताने पर खाई थी और पूरी तरह ठीक हो गई थी।”

“यहां तक कि उसे तो सफेद पानी (ल्यकोरिया) की समस्या भी थी और पीरियड की गड़बड़ी भी होती थी। उसने वैनीलट से ठीक होने की बात आपको बताई थी। तभी तो आपने मुझे भी यही सलाह दी कि मैं एक बार वैनीटल को इस्तेमाल करके देखूं। जिसके बाद मेरी भी सारी समस्याएँ सिर दर्द, कमजोरी, तनाव, थकान ये सारी समस्याएँ ठीक हो गईं और मैं फिर से अपना सारा ध्यान पति की खुशी पर रख पाई और पूरे दिल से उन्हें तन से समर्पित हो सकी। धन्यवाद मां जी।”

इस पर सास ने प्यार से अपनी प्यारी बहू मोना के सिर पर हाथ फिराते हुए कहा, “अरे धन्यवाद मेरा नहीं बल्कि काहन आयुर्वेदा का करो जिसने वैनीटल बनाया। फिर अचानक सासू मां मोना के कान के पास जाकर धीरे से बोली, ‘‘तेरी बातें सुनकर आज मेरा भी मूड कर रहा है। आज रात बूढ़े को सोने नहीं दूंगी।’’

देसी हिंदी कहानी- कामुक मोना
इसे आप सुन भी सकते हैं। सुनने के लिए दिये गये लिंक पर क्लिक करें.. https://fb.watch/uaJt4npc7Y/

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