एक ऐसी लड़की की hot story जो इंटरव्यू देने गई थी लेकिन वहां उसका कुछ दूसरा इंटरव्यू ले लिया …
वह पत्रकार था, जो एक मकान में बतौर किराएदार रहता था hot story उसका नाम पवन था।
जिस मकान में वह रहता था, उस मकान में उसके अलावा मकान मालिक बद्री प्रसाद उसकी युवा व स्मार्ट पत्नी ममता तथा दो बच्चे रहते थे।
ममता लगभग 25 साल की हंसमुख, गोरी-चिट्टी युवती थी। उसका अंग-अंग सांचे में ढला था।
उस पर यौवन की ऐसी बहार छायी थी कि उसकी फीगर देखकर कोई भी नहीं कह सकता था कि
वह दो बच्चों की मां होगी।
उसके मस्त उभार व सही आकार में नुमाया होते नितम्ब देखकर मुर्दे में भी जैसे जान आ जाती थी।
ममता तथा उसका पूरा परिवार मकान के निचले हिस्से में रहता था,
जबकि ऊपर वाले हिस्से में पवन अकेला रहता था।
पवन काफी स्मार्ट व उदार हृदय युवक था। वह शेरो-शायरी भी करता था, इसक अलावा वह कथा-कहानियां भी लिखता था।
उसकी कथा-कहानियां काफी रोमांटिक होती थीं।
उसकी कथा-कहानियां नायिका प्रधान होती थीं। औरत उसकी कमजोरी थी। सुंदर, स्मार्ट युवतियां तथा दारू उसकी संगिनी थीं।
पवन के चेहरे तथा उसकी आंखों में एक अजीब-सी चमक थी, खास कशिश थी।
यह hot story आप mastramkikahani.com पर पढ़ रहे हैं
जब वह किसी युवती से आंखों में आंखें डालकर बातें करता था तो युवती उसकी तरफ खिंची चली आती थी।
रही-सही कसर पवन की रोमांटिक कहानियां पूरी कर देती थीं।
पवन के आकर्षक व्यक्तित्व पर मुग्ध होकर जब कोई युवती उसकी कोई कहानी पढ़ती तो उसकी हालत वैसी हो जाती जैसे ब्लू फिल्म देखकर
किसी युवा स्त्राी या पुरूष की हो सकती है।
पवन को इस नए मकान में आये हुए कुछ ही दिन हुए थे
लेकिन उसके आकर्षक व्यक्तित्व का जादू ममता पर चढ़ा साफ महसूस हो रहा था।
ममता, पवन के आकर्षक व्यक्तित्व पर फिदा थी।
वह उसकी शेरो-शायरी की खूब तारीफ करती थी।
पवन ने खुद का लिखा एक रोमांटिक उपन्यास भी उसे पढ़ने के लिए दिया था।
इस उपन्यास ने ममता को नीचे से ऊपर तक भीगा कर रख दिया था।
उसकी कल्पना में पवन जैसा आकर्षक मर्द थिरक रहा था।
यह hot story आप mastramkikahani.com पर पढ़ रहे हैं
उसे ऐसे ही साथी की तलाश थी, जो उसकी यौन जरूरतों को पूरा कर सके
तथा उसके रोम-रोम को तृप्त कर सके।
हालांकि ममता का पति बद्री प्रसाद भी युवा था, मजबूत था, लेकिन वह पवन की तरह हंसमुख नहीं था।
वह बहुत शांत व गंभीर किस्म का इंसान था। दूसरी ओर पवन बात-बात पर कहकहे लगाने वाला इंसान था।
वक्त गुजरता गया….। उस दिन सोमवार था। आज पवन आॅफिस नहीं गया था।
उसकी तबियत कुछ ठीक नहीं थी।
वह अपने कमरे में बैठा कुछ लिख रहा था कि तभी वहां ममता आ गयी।
उसने नहा-धोकर खूबसूरत साड़ी पहनी थी।
उसकी सुंदरता और निखर उठी थी। पवन ने आहट भांप कर नज़र उठायी, तो वह उसे देखता रह गया….।
“पत्रकार साहब, ग्यारह बज गये हैं। आॅफिस नहीं जाना है क्या?” कहते हुए ममता कमरे के अंदर आ गयी।
पवन ने उसे सोफे पर बैठने के लिए कहकर उसे एक शायरी सुनाई और कहा “आज मेरी तबियत ठीक नहीं है, इसलिए मैं आॅफिस जा नहीं सका।
वैसे भी एक महत्वपूर्ण सब्जेक्ट पर सर्वे तैयार कर रहा हूं।
यह hot story आप mastramkikahani.com पर पढ़ रहे हैं
अच्छा हुआ कि आप यहां आ गयीं। मैं आपसे कुछ पूछना चाहता हूं, प्लीज़ आप बुरा मत मानना।”
“ऐसी क्या बात है, जिससे मैं बुरा मान जाऊंगी?” ममता ने हंसकर कहा और सोफे पर बैठ गयी।
पवन ने अपना चेहरा ऊपर उठाया तथा ममता की आंखों में झांकते हुए बोला
“दरअसल, मैं सेक्स पर एक सर्वे तैयार कर रहा हूं। आपकी नज़र में सेक्स कितना महत्वपूर्ण है?” ममता ने तत्काल कोई जवाब नहीं दिया।
पवन ने आग्रह करते हुए कहा “ममता जी, अब सेक्स कोई छिपने-छिपाने वाली बात नहीं रह गयी है।
सरकार ने भी उसे स्वीकार कर लिया है। स्कूल-काॅलेजों में पाठ्यक्रम के रूप में शामिल कर लिया गया है।
ऐसे में आप जैसी पढ़ी-लिखी आधुनिक युवती संकोच करे, तो ठीक नहीं लगता।
प्लीज़, आप बतायें कि सेक्स कितना जरूरी है।”
“यह उतना ही जरूरी है, जितना पेट भरने के लिए भोजन।”
ममता ने हौले से कहना शुरू किया, “जिस प्रकार पेट न भरा होने पर इंसान चिड़चिड़ा हो जाता है।
यह hot story आप mastramkikahani.com पर पढ़ रहे हैं
जीवित नहीं रह सकता, ठीक उसी प्रकार चाहे वह स्त्राी हो या पुरूष, जिस्मानी जरूरतें पूरी न होने पर उग्र हो जाता है
भटक जाता है और यहां तक कि बलात्कार जैसे जघन्य अपराध भी कर बैठता है।
इसलिए मेरे लिए सेक्स की जरूरत पूरी होना आवश्यक नहीं, परम आवश्यक है।” कहकर ममता ने अपनी नज़रें झुका लीं।
पवन ने आगे बढ़कर अपने हाथों से उसका चेहरा ऊपर उठाया।
फिर उसकी सपनीली आंखों में झांकते हुए पूछा, “आप तो बहुत पति भी इतने ही एक्सपर्ट हैं इस मामले में।”
फिर एकाएक अपनी बात को घुमाकर पूछा पवन ने
“मेरा मलतब है क्या आपके पति आपकी सेक्स जरूरतों को पूरा कर पाते हैं?
आप उनसे कितना संतुष्ट रहती हैं?” ममता की झिझक दूर हुई, तो वह कहती चली गयी।
उसने बताया कि वह जिस तरह से संतुष्ट होना चाहती है, उसमें पति असमर्थ रहते हैं।
किसी भी सेक्स समस्या के लिये sexsamasya.com
उसे सेक्स में भरपूर मजा नहीं आता है।
वह नारी होने के बावजूद स्वाभाविक शर्म व संकोच त्याग कर अलग-अलग मुद्राओं में प्यार हासिल करना चाहती है…
पति से भी हर संभव सेक्स-सुख हासिल करना चाहती है,
मगर पति की ओर से पूरी तरह से सहयोग न मिल पाने के कारण रोज
सेक्स करने के बावजूद भी कुछ कमी सी रह ही जाती है।
“क्या आप पराए पुरूष से संबंध स्थापित करना चाहती हैं?”
“नहीं…।”
यदि कोई पुरूष आपसे प्यार करता है तथा वह आपके साथ सेक्स करना चाहता है,
तो क्या आप उसकी बात मान लेंगी?
यह hot story आप mastramkikahani.com पर पढ़ रहे हैं
न….नहीं….बिल्कुल नहीं।
इसके बाद पवन ने ममता को कुरेदना शुरू कर किया
तो शीघ्र ही उसकी जुबान पर यह बात आ गयी कि वह उसे अच्छा लगता है।
पवन ने अपने उल्टे-सीधे सवालों से जाने-अनजाने ममता को उत्तेजित कर दिया था। उसकी आंखों में वासना के रंगीन डोरे मचल रहे थे।
चेहरा सुर्ख व पलकें शर्म से बोझिल होती जा रही थीं।
वह जिस तरह से बहकी-बहकी आवाज में जवाब दे रही थी,
मालूम हो रहा था उसके अरमान भी धीरे-धीरे जागृत हो रहे हैं…
वह जैसे खुद पर संयम रख रही है कि कहीं गलती से गलती न हो जाये…
“अब आपके सवाल पूरे हुए कि नहीं हुए?” नजरें चुराती हुई बोली ममता, “अब बस कीजिए… यह टाॅपिक बंद कीजिए।”
किसी भी सेक्स समस्या के लिये sexsamasya.com
“टाॅपिक बंद करने से, जो शरीर के अंदर की अगन है वह तो शांत नहीं हो जायेगी?
वह तो बुझाने से ही बंद व शांत होगी ममता जी।”
वह ममता की आंखों में आंखें डालते हुए बोला, “क्यों, सही कह रहा हूं न?”
“कहां कहां चल रहा है बताओ?”
अब ममता भी बहकने लगी और चुटकी लेते हुए बोली, “जहां चल रहा है, वहां बैठा दीजिए।
बेकार में थक गया तो निठल्ला होक सो जायेगा।” कहकर खिलखिलाने लगी ममता।
उसकी अदा पर मर ही मिटा पवन।
उसने शर्म त्याग कर एकाएक
ममता के होंठों को चूम लिया और साथ ही एक हाथ से उसके खरबूजे को मसल दिया।
“मि. आप आप अपनी लिमिट को क्राॅस कर रहे हैं।
“ममता हौले से मुस्करा कर बोली, “अपनी लिमिट में रहें प्लीज।”
“झूठ न बोले आप ममता जी।” मजाकिया भरे स्वर में बोला पवन “मेरी ‘लिमिट’ तो अपने वस्त्रा के अंदर ही है।
जब तुम्हारी देह में उतरकर ‘लिमिट’ क्राॅस करूंगा, तब करियेगा शिकायत। फिलहाल तो आपके लिमिट क्राॅस होने का इंतजार है।”
“मि. किसी नारी की कामनाओं को भड़का कर बेकार की बातें नहीं बनाते।”
अब ममता भी खुल गई और उसने पवन के गले में अपनी गोरी बांहों को हार डाल दिया
“कर दो मेरी देह में अपनी ‘लिमिट’ क्राॅस।”
यह hot story आप mastramkikahani.com पर पढ़ रहे हैं
“देखिए पवन जी।” “हां, तो दिखाइए ममता जी।”
शरारतपूर्ण अंदाज में बोला पवन, “हम देखने के लिए कब से मरे जा रहे हैं।”
“क्या मतलब है आपका?” नाराजगी का अभिनय करती हुई बोली ममता, “सब समझ रही हूं मैं।”
“इसी बात के तो कायल हैं हम आपके ममता जी।”
एकाएक ममता को बांहों में भरते हुए बोला पवन, “आप समझ जल्दी जाती हैं।”
फिर ममता के सुंदर मुखड़े को अपनी दोनों हथेलियों के बीच में लेते हुए बोला पवन, “और जब समझ ही गई हैं, तो हमें भी समझा दीजिए कि
आपके दिल में वो नहीं चल रहा, जो इस वक्त मेरे दिल में और न जाने कहां-कहां चल रहा है।”
फिर देखते ही देखते दोनों निर्वस्त्रा हो गये और जैसे ही पवन ने अपनी ‘लिमिट’ ममता की कोमल चिकनी देह पर क्राॅस की
एकाएक ममता की चीख निकली, “तुम्हारा कितना बड़ा है, कि कुछ ज्यादा ही अंदर तक क्राॅस हो रही है।”
“जानेमन अब तो ‘लिमिट’ को पूरी तरह से क्राॅस हो जाने दो
और तुम भी इस ओर ध्यान दो और पूरा मजा लो।”
फिर तो वाकई पवन ने अपनी सारी लिमिट क्राॅस कर डाली और हर तरीके से ममता को भोगा।
प्राकृतिक व अप्राकृति तथा अलग-अलग मुद्राओं में मजा दिया व भरपूर मजा लिया।
किसी भी सेक्स समस्या के लिये sexsamasya.com
“आप तो लाजवाब हैं… खासकर आपका नटखट ‘साथी’ जो लिमिट क्राॅस बड़े ही अनोखे तरीके से कर रहा है।”
ममता मस्ती भरी आवाज में बोली
“हाय…रे… उफ… हां मेरे राजा ऐसे ही…तुम तो वाकई में एक सच्चे मर्द हो।
मेरा पति का ‘प्यार’ तो तुम्हारे ‘प्यार’ के सामने बहुत छोटा व निठल्ला है।”
“मुझे भी जानेमन ऐसे मजा आ रहा है, जैसे किसी कुंवारी लड़की को भोग रहा हूं।”
पवन, ममता के गोरे कबूतरों को मसलते हुए बोला, “बहुत सख्त देह हो तुम। वाह! मजा आ गया।”
फिर तो पवन ने ममता के नाजुक अंगांे को मसलते हुए उसे नीचे से ऊपर तक चूमना शुरू किया, तो ममता ने उसे स्वयं में भींचने में देर नहीं लगायी।
उसके हाथ पवन की पीठ पर कसते चले गये
और पवन उसके यौवन सागर की अतल गहराईयों में डुबकी लगाता चला गया….।
यह hot story आप mastramkikahani.com पर पढ़ रहे हैं
पवन की प्यास बुझ गयी थी। उसने ममता को भी तृप्त कर दिया था। वह काफी खुश थी।
उसके चेहरे पर ऐसी चमक थी जो इस बात की ओर इशारा करती थी कि
उसका रोम-रोम तृप्त हो चुका है।
उस दिन से उन दोनों के बीच अवैध संबंधों का सिलसिला शुरू हुआ तो उसी दिन इस पर विराम लगा
जिस दिन बद्री प्रसाद ने अपनी आंखों से देख लिया
और पवन को तत्काल ही कमरा खाली कर देने का आदेश दिया।
कहानी लेखक की कल्पना मात्र पर आधारित है इस कहानी का किसी भी मृत या जीवित व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है अगर ऐसा होता है तो यह केवल संयोग मात्र होगा।