ब्वॉयफ्रैंड ने घर बुलाकर पेला | Hindi Antarvasna Kahani | Mastram Ki Kahani

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Boy Friend Ne Ghar Bulakar Pela - Mastram Ki Kahani
Boy Friend Ne Ghar Bulakar Pela - Mastram Ki Kahani

दोस्तों मेरा नाम गुलाबो है और मेरा जिस्म भी मेरे नाम की ही तरह गुलाबी और चिकना है। मैं अभी कुंवारी हूं और 20 साल मेरी उम्र है। जब मैं बन संवर कर बाहर निकलती हूं, तो गली मौहल्ले के मनचले लड़कों का नीचे का सामान उनके पैन्ट के अंदर ही टाइट हो जाता है। इसीलिए तो मुझे देखकर वो अपना मामला खुजाते हुए मुझे छेड़कर कहते हैं, अरे गुलाबो एक बार तो दिखा दो। मैं कुछ नहीं कहती, बस मुस्करा कर उनके दिलों पर आरी चला जाती।

वैसे तो मुझे चाहने वालों की कोई कमी नहीं थी। लेकिन सब के सब मेरी नीचे की गुलाबी दुनियां की सैर करने के लिए मेरे करीब आने की कोशिश करते थे। इसलिए मैंने अब तक किसी को घास तक नहीं डाली थी। वैसे एक लड़का था रजत। वो काफी स्मार्ट और गबरू जवान था। वो मेरे पड़ोस में ही रहता था। बस उसे देखकर ही कभी-कभी मेरी नीयत भी डोलने लगती थी। जब वो अपने घर की बालकनी में शर्ट उतारे केवल खाली बदन कसरत करता था, तो मेरी नीचे की दुनियां में भूकम्प सा आ जाता था। वहां हल्की-हल्की बारीश सी हो जाती थी। यानी मेरा मन तब रजत के मोटे डंडे का स्वाद चखने को करने लगता था।

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दोस्तों रजत मुझसे दो साल बड़ा था। यानी वो 22 साल का था। वो भी चोर निगाहों से मेरे बदन को घूरा करता था। लेकिन मैं उसकी चोरी को पकड़ लेती थी। धीरे-धीरे हम दोनों करीब आने लगे। हमारी बातचीत होने लगी और हम दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे। लेकिन केवल दिल से ही कभी बात बनती है दो जवान प्रेमियों के बीच? यानी अब रजत और मैं एक-दूसरे को तन भी दे डालना चाहते थे। मन तो हमारे एक हो चुके थे। लेकिन तन दूरियाँ मिटाना अभी बाकी था।

एक दिन हमें मौका मिल गया। उस रोज रजत के घरवाले शहर के बाहर दो दिन के लिए शादी में गये हुए थे। रजत कॉलेज के पेपर के बहाने घर पर ही रूक गया था। लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो पा रही थी कि मुझसे कैसे कहे कि, “मेरी जान गुलाबो। आओ मेरे घर और बिस्तर पर जलवे दिखा दो।”

शुरूआत मैंने ही की, मैंने मोबाइल पर रजत से कहा, ‘‘रजत वो दिन कब आ आयेगा। जब हमारी शादी होगी। फिर बंद कमरे में बस हम दोनों होंगे और फिर सारी रात..’’

इतना कहकर मैं रूक गई। मेरा आइडिया काम कर गया। इस पर रजत बोला, ‘‘गुलाओ मैं तुमसे कहने ही वाला था। तुम्हारा और मेरा ये सपना आज बल्कि अभी पूरा हो सकता है।’’

मैं जानबूझ कर अनजान बनती हुई बोली, ‘‘हाय सच! वो कैसे?’’

फिर रजत ने मुझे सब बता दिया और घनी दोपहरी में सन्नाटे भरी गली से होत हुए रजत के घर चोरी छिपे पहुंच गई।

दोस्तों क्या बताऊं मुझे बताते हुए शर्म और हंसी दोनों आ रही है। रजत मानो कितने जन्मों का भूखा था। उसने दरवाजा बंद करते ही ना चाय पूछा और ना पानी। सीधा लूटने लगा मेरी जवानी। उस समय मैंने टाइट टीशर्ट और जीन्स पहनी हुई थी।

उसने हबड़ा तबड़ी में मेरे सारे कपड़े निकाल कर मेरे तन से जुदा कर डाले। मैं सिर से लेकर पांव तक बिल्कुल खाली थी। मैं मारे शर्म के जमीन पर गढ़े जा रही थी। मैं अपने दोनों टाइट संतरों को छुपाती या नीचे की झाड़ीदार कुंए को छुपाती। कुछ समझ में नहीं आ रहा था।

मैं केवल सिर झुकाए खड़ी थी और रह-रहकर पैर के अंगूठे से फर्श को कुरेदने की नाकाम कोशिश कर रही थी।

तभी रजत ने मेरे चेहरे को अपने हाथों में लिया और मेरे गुलाबी होंठो पर एक जोरदार किस्स कर दिया। मैंने देखा कि रजत भी मेरी ही तरह तन से पूरी तरह खाली था।

Antarvasna Kahani - Mastram Ki Kahani
Antarvasna Kahani – Mastram Ki Kahani

उसका नीचे का तोता इतना लंबा और सख्त था यहां वहां हिले-डुले जा रहा था। मुझे कहती कि इससे पहले ही रजत मेरी नर्म हथेली को अपने सख्त हाथों में लेकर बोला, ‘‘गुलाबो, जरा मेरे तोते की गर्दन को सहलाओ। इसे पुचकारो। ये तुम्हारा दीवाना है।’’

मुझसे कुछ कहते नहीं बन रहा था। कहकर रजत ने मुझे कंधों से पकड़ा और जमीन पर बैठा दिया। फिर उसने अपने तोते को मेरी हथेलियों में थमा दिया। मैं जैसे रजत के हाथों की कठपुतली बन गई थी। वो जैसा चाह रहा था।

मैं वो ही सब कर रही थी। मैंने काफी देर तक उसे मोटे सख्त तोते की गर्दन को खूब सहलाया। इतना सहलाया कि तोते की चोंच से हल्का-हल्का पानी छूटने लगा।

फिर अचानक रजत ने मेरा सिर पकड़ा और अपने तोते की चोंच से सटा दिया। यानी अब मैं अपने ब्वॉयफ्रैंड रजन के तोते को अपने सांसों की गर्मी से पिघला रही थी। मेरे मुंह से बस गौं..गौं.. की आवाज निकल रही थी। रजत तो पूरी तरह मस्त हो गया।

लेकिन मेरे मुंह की हालत पस्त हो गई थी। फिर रजत ने मुझे पास में पड़े सोफे पर चित्त लेटा दिया और वो भी मेरी नीचे की गुलाबी पंखुड़ियों को अपनी जीभ के करतब दिखाने लगी। मैंने भी रजत के सिर को पकड़ कर वहां पर सटा दिया। रजत भी तिलमिलाने लगा। लेकिन उसने मेरी खुशी के लिए सब कुछ सहा और करता रहा।

मैं इतनी गर्म हो चुकी थी कि अब मेरा सब्र जवाब दे रहा था। मैंने अचानक रजत को अपने ऊपर खींच लिया। रजत समझ गया कि अब उसे क्या करना है। फिर उसने जैसे ही अपने सख्त तोते को मेरे कुंवारे घोंसले में दाने चुगने के लिए छोड़ा।

मैं जोर से चीखी, ‘‘अई मम्मी मर गई। प्लीज रजत रूको। निकालो अपने तोते को मेरे घोंसले से बाहर। बहुत दर्द हो रहा है। इसकी चोंच बहुत पैनी है।’’

Hindi Desi Kahani - Mastram Ki Kahani
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फिर मैंने और रजत ने देखा कि मेरा कुंवारापन भंग हो चुका था। वहां खून की कुछ बूंदे टपकी हुई थीं। फिर रजत ने कहा, ‘‘गुलाबो सोफा थोड़ा गंदा हो गया है क्योंकि तुम्हारी कुंवारी खिड़की टूट चुकी है। ऐसा करते हैं नीचे फर्श पर मामला जमाते हैं।’’

फिर हम दोनों जमीन पर आ गये। रजत ने एक तकिया मेरे सिर के नीचे रखा और दूसरा तकिया मेरे पिछवाड़े के नीचे। फिर उसने दोबारा अपने तोते को प्यार के दाने चुगने के लिए मेरे घोंसले में छोड़ दिया। इस बार वो धीरे-धीरे दाने चुग रहा और धीरे-धीरे मेरा मजा भी बढ़ रहा था।

अब तो मेरा सारा दर्द, मजे में बदल गया था। रजत कमर लगातार चलाते हुए कभी मेरे होंठो का रस पीने लगता तो कभी मेरे संतरों का रस निचोड़ने लगता। मुझे बहुत मजा आ रहा था। सच में बहुत ताकतवर सामान था रजत का। जिसने मुझे ऐसे मजे दिलवाये कि मैं बता नहीं सकती।

फिर वो टाइम भी आ गया कि हम दोनों की प्यास बुझ गई। हम एक-दूसरे से चिपके हुए गहरी गहरी सांसे भर रहे थे।

फिर हम दोनों साथ में बाथरूम में फ्रैश होने के लिए घुस गये। जहां एक बार और रजत ने फुहारे के नीचे मुझे घोड़ी बनाकर पेल डाला। सच में नहाते हुए जिस्मों का मजा लेने में इतना ज्यादा मजा आता है। मुझे उस दिन ही पता चला था।

Hindi Love Story - Mastram Ki Kahani
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रजत का घर दो दिन के लिए खाली था तो दोनों ही दिन हम दोनों ने पति-पत्नी की तरह ही वक्त गुजारा था। जमकर सुहागरात-सुहागरात का खेल खेला था। फिर हम दोनों को जिस्म की ऐसी लत लगी कि कभी होटल में, तो कभी रजत के घर में जब घर पर कोई नहीं होता था।

यहां तक कि कभी मेरे घर में भी, जब घर खाली होता था। प्यार का खेल खेललिया करते थे। कम से कम 5 साल तक हमारा रिलेशन चला और इस बीच रजत कंडोम लगा-लगा कर मेरी लेता रहा और मैं भी रजत के डंडे से खुश थी।

किसी तरह हम दोनों के प्यार की खबर हमारे घरवालों तक भी पहुंच गई। क्योंकि रजत एक अच्छी फैमिली से था और जॉब भी अच्छी करता था। तो रजत और मेरे घरवालों ने मिलकर हम दोनों की शादी करवा दी।

लेकिन दोस्तों एक बात गलत ये हो गई कि हम दोनों शादी से पहले भी और शादी के बाद भी इतना जिस्मों का खेल खेला था कि धीरे-धीरे हम दोनों की ही इच्छा कम हो गई थी। अब तो महीने में एक या दो बार ही ठुकाई का प्रोग्राम चलता था।

वैसे भी रजत का ऑफिस में काम बढ़ गया था, क्योंकि प्रोमोशन हुई थी। इसलिए वो बहुत थक जाता था। एक बार करने के बाद दोबारा नहीं कर पता था। कहां वो पहले एक ही रात में 3 से 4 बार मुझे पेलकर रख देता था। यहां तक कि अब तो रजत बिस्तर पर जल्दी मामला गिरा देता था।

उसकी टाइमिंग बहुत कम हो गई थी। जहां वो पहले 30 से 40 मिनट तक लगातार लगा रहता था। वहीं अब पिचकारी होली खेलने से पहले ही खाली हो जाती थी। यही हाल मेरा भी था। मेरी दिलचस्पी भी अब बिस्तर पर तम्मा-तम्मा करने के लिए कम हो गई थी। शायद अब पति में जोश की कमी, टाइमिंग की कमी हो गई थी इसलिए।

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कुल मिलाकर हम दोनों ही अपनी यौन जिंदगी से बोर हो चुके थे।

जहां मैं ठंडेपन का शिकार यानी कामेच्छा की कमी की समस्या की गिरफ्त में आ चुकी थी। तो वहीं मेरा पति रजत भी जोश की कमी, स्टेमिना और टाइमिंग की कमी का शिकार हो गया था।

इसलिए अब धीरे-धीरे हम दोनों के बीच के प्यार की जगह कलेश ने लिया था। आये दिन हर छोटी-मोटी बात पर हम दोनों के बीच झगड़ा होने लगता। फिर हम दोनों ही मुंह फुलाकर एक-दूसरे की ओर पीठ करके सो जाते। लगभग डेढ़ साल से ये सब चल रहा था। हम एक छत के नीचे रहते हुए भी अजनबियों की तरह थे।

एक दिन पड़ोस में रहने वाली एक भाभी ने मुझसे बात की। भाभी और मैं काफी समय से अच्छी सहेलियों की तरह हो गये थे। हम दोनों अपनी पर्सनल बातें भी शेयर किया करते थे। उन्होंने मुझे कहा, ‘‘तुम्हारे घर से आये दिन झगड़े की आवाजें आती हैं। सब ठीक तो हैं ना।’’

पहले मैंने टालने की कोशिश की। लेकिन जब भाभी ने मुझसे बार-बार पूछा, तो फट पड़ी। मैंने रोते हुए अपनी शादी टूटने की कगार पर पहुंचने की बात उन्हें बता दी।

इस पर भाभी ने एक गहरी सांस ली और बोली, ‘‘तू फिक्र ना कर। तेरी समस्या बड़ी जरूर है। लेकिन इतनी भी बड़ी नहीं कि इसे ठीक ना किया जा सके।’’

फिर भाभी ने अपना भी राज खोला और बताया, ‘‘तेरी और मेरी कहानी सेम है। बस फरक इतना है कि मेरी शादी अरैंज हुई थी और तेरी लव मैरिज। हम दोनों शादी की शुरूआत में बहुत खुश थे। ना दिन देखना, ना सुबह देखना और फिर रात को तो कहना ही क्या। मेरे पति और मैं तक धिनाधिन करते रहते थे। हमने अपने बच्चे भी 5 साल के बाद किए हैं। इस बीच हमने खूब जवानी का मजा चखा। फिर तेरी वाली ही कहानी शुरू होने लगी। बच्चे हो गये। घर की जिम्मेदारियां बढ़ गई। टाइम कम मिलने लगा। पति और मेरे बीच महीनों कोई रिश्ता नहीं बन पाता था। पति को शीघ्रपतन की समस्या हो गई, तो मेरे अंदर जोश और कामेच्छार की कमी होने लगी।’’

दोस्तों भाभी की इस बात पर मेरा इंट्रस्ट बढ़ने लगा। मैंने कहा, ‘‘फिर तुम दोनो ने क्या किया? तुम्हारे बीच तो अब बहुत प्यार है। पहले जैसा सबकुछ कैसे हुआ, बताओ ना भाभी?’’

इस पर भाभी मुस्करा कर बोली, ‘‘अरे तो रूकेगी और मुझे बोलने देगी, तभी तो बताऊंगी ना।’’

मैंने मांफी मांगते हुए कहा, ‘‘सॉरी भाभी, आप बोलो।’’

फिर भाभी ने आगे बताया, ‘‘फिर क्या, हमने कई सेक्सोलोजिस्ट को दिखाया। लेकिन जब तक दवा खाते तब तक ही सब ठीक रहता। बाद में फिर वही हालात हो जाते। एक दिन मैं मोबाइल में इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक और घरेलू तरीके ढूँढ रही थी। क्योंकि तुझे तो पता ही आये दिन सर्दी खांसी, बुखार वगैरह होने लगता है। तभी अचानक से मोबाइल के स्क्रीन पर मर्दो और औरतों की गुप्त समस्या के लिए एक आयुर्वेदिक विज्ञापन आने लगा।”

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“कहान आयुर्वेदा कंपनी का आयुर्वेदिक प्रोड्क्ट जोशकिंग के बारे में विज्ञापन था। ये जोशकिंग दवा औरतों और पुरूषों दोनों की यौन कमजोरी को दूर करने के लिए बनाई थी। इसको खाने से पुरूषों में जोश की कमी, स्टेमिना की कमी, टाइमिंग की कमी ये सारी समस्याएं ठीक होती है। ऐसा बताया गया है। साथ ही जिन महिलाओं में कामेच्छा की कमी, पॉवर की कमी, थकान, डिप्रेशन ये सारी समस्याएं रहती हैं। उनके लिए भी ये दवा बहुत बेहतरीन तरीके से काम करती थी।”

“कुल मिलाकर जोश किंग महिलाओं और पुरूषों की यौन समस्याओं को ठीक करने का काम करती थीं। हम दोनों ये दवा मंगा ली और दोनों ने मिलकर कम से कम 3 महीन तक खाई। असर तो हमें पहले 15 दिन में ही महसूस होने लग गया था। लेकिन 3 महीने के बाद तो ऐसा लगा, जैसे हमारे रिश्तों पर लगी बुरी नजर जोशकिंग ने उतार दी हो।’’

भाभी का इतना कहना था कि मैं बिना समय गंवायें, वहां से तुरन्त निकल गई। बस मैंने भाभी को धन्यवाद कहा और घर आ गई।

फिर शाम को जब पति ऑफिस से लौटे तो मेरा बदला रूप देखकर हैरान रह गये। मैंने भाभी से मुलाकात और सारी बात उन्हें बता दी। फिर क्या था 3 महीने बाद हमारे रिश्तों पर से भी बुरी नजर हमेशा के लिए टल गई।

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