तो चलिए दोस्तों कहानी को सुनते हैं और मजे लेते हैं..
साहिल और प्रिया पति-पत्नी थे। साहिल जहां 27 साल का था, तो वहीं प्रिया अभी कमसिन जवानी थी। यानी उसकी उम्र केवल 22 साल थी। प्रिया बहुत ही गोरी मक्खन जैसी जिस्म वाली कटीली जवानी थी। मस्त गोल-गोल टाइट उभार थे, जो टाइट टीशर्ट में साफ ऐसे महसूस होते थे, जैसे कि हाथों में ही आ जायेंगे। पतली सुराहीदार कमर.. पिछवाड़ी ऊंची घाटियों की तरह उठी रहती थी। जब चलती तो पति ही क्या.. गली मोहल्ले के सभी मनचलों के डंडे पैंट के अंदर ही चोट मारने लगते थे। सबके मन में यही चलता.. कि हाय! बस एक बार मिल जाये इसकी.. कसम से जिंदगी बन जायेगी.. मगर प्रिया किसी को घांस तक नहीं डालती थी.. बस मुस्करा कर.. सबके दिलों पर आरी-सी चला देती थी..
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साहिल और प्रिया की शादी को लगभग 3 साल हो चुके थे। शुरू में सब ठीक था। साहिल जब प्रिया से उसकी नीचे की गुलाबी दुनियां के नजारे दिखाने को कहता। तो प्रिया झट से सब कुछ खोलकर अपनी नीचे की चिकनी गुलाबी दुनियां के नजारे पति को करा देती थी। और फिर खुद ही पति को अपने ऊपर खींचकर जमकर बिस्तर के मजे देती थी और खुद भी लेती थी। साहिल को उस समय दुनियां का सबसे खुश किस्मत इंसान समझता था। क्योंकि एक तो इतनी हूर जैसी बीवी मिली ऊपर से इतनी सेक्सी और हॉट.. कि जब मांगो देने को हरदम तैयार रहती थी। साहिल भी इसी वजह से प्रिया की हर बात। हर जरूरत को प्रिया कहते ही पूरी कर दिया करता था। भई आखिर रोज लेनी भी तो थी.. साहिल की तो बल्ले-बल्ले हो रखी थी..
लेकिन धीरे-धीरे पता नहीं किस कारण से प्रिया की ठुकाई में दिलचस्पी कम होने लगी थी। अब तो महीने में मुश्किल से दो या तीन बार ही प्रिया पति के डंडे के मार अपने नीचे खाती थी। जिसके कारण साहिल भी तिलमिलाया रहता था। धीरे-धीर तो महीने में एक बार ही प्रिया के मखमली के जिस्म के नजारे होने लगे थे।
एक रात की बात है.. पति का बहुत मूड था। आज उससे बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा था। उसने ठान लिया था कि आज की रात वो ऐसे ही नहीं जाने देगा। फिर जैसे ही किचन का काम निपटा कर रात को प्रिया बेडरूम में पहुंची। उसने पति की ओर देखा तो हैरान रह गई। उसे थोड़ी हंसी भी आई, लेकिन फिर अचानक बुरा सा मुंह बनाकर बेड पर आ गई। दरअसल साहिल ने अपने बदन पर कोई वस्त्र नहीं पहना था। वो खुल्लेआम अपने तोते की नंगी गर्दन को सहला रहा था.. जिसे देखकर ही प्रिया चौंकी थी..
इससे पहले प्रिया कुछ कहती। साहिल बोला, ‘‘जानेमन, जिस हालत में मैं हूं, तुम भी उसी हालत में आ जाओ।’’ प्रिया के टाइट संतरों का दबाते हुए बोला साहिल, ‘‘समझ रही हो ना डार्लिंग।’’
‘‘हां समझ भी रहीं और देख भी रही हूं.. तुम्हारी बेशर्म हरकतें।’’ प्रिया सीरियस होकर बोली, ‘‘ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला जैसा तुम सोच रहे हो।’’
इस पर पति बोला, ‘‘ऐसा ना करो.. ये देखा बेचारा मासूम कब से तुम्हारे नीचें घोंसले में दाने चुगने के लिए तरसे जा रहा है।’’
‘‘मेरे घोंसले में दाने खत्म हो चुके हैं।’’ प्रिया बुरा सा मुंह बनाकर बोली, ‘‘तुम्हारे तोते ने पहले ही सारे दानें चुग-चुग कर खत्म कर डाले हैं।’’
साहिल ने कुछ नहीं सुना और जबरदस्ती प्रिया के कोमल हथेलियों में अपने तोते की गर्दन थमा दी, ‘‘सुनो इसे मुंह से पुचकार दो। तुम्हारी बातें सुनकर बेचारा कितना डर और सहम गया है।’’
पता नहीं प्रिया को क्या हुआ। उसने ये बात पति की मान ली। उसने अपने मुंह नीचे झुकाया और नन्हा सा किस्स पति के जोशीले तोते के मुंह पर दे दिया। फिर बोली, ‘‘बस इससे ज्यादा कुछ उम्मीद मत रखना। अब कपड़े पहनो और सो जाओ।’’
पति बोला, ‘‘नहीं.. मैं नहीं पहन रहा कपड़े। मुझे तो बस करना है।’’
प्रिया हंसते हुए बोली, ‘‘तो सो जाओ ऐसे ही नंगे-धड़ंगे। मेरा क्या है।’’
तभी पति के दिमाग में कुछ आया और वो सच में ही लाइट बंद करके ऐसे बेलिबास सो गया। प्रिया थोड़ा हैरान हुई और चुपचाप मुस्करा कर सो गई।
जैसे ही दो घंटे और गुजरे। साहिल धीरे से उठा और प्रिया की ओर देखा। वो गहरी नींद में खर्राटे लेकर सो रही थी। साहिल फायदा उठाते हुए प्रिया की टीशर्ट के ऊपर से ही उसके गोल संतरों का दबाया और सहलाया। प्रिया ऐसे ही लेटी ही। उसे कोई खबर नहीं थी। फिर साहिल ने धीरे-धीरे प्रिया की टीर्शट के अंदर हाथ डालकर वहां संतरो को पिचकान शुरू कर दिया। उसके एक हाथ प्रिया के संतरों पर बीजी थे, तो दूसरा हाथ अपने तोते की गदर्न पर सहलाते हुए बीजी थे। फिर उसने हौले से प्रिया के पायजामें को खोलकर नीचे सरकाने की कोशिश की तो वो थोड़ा कामयाब हो गया। साहिल को इतना मजा आ रहा था कि पूछो मत।
वो सोचने लगा कि हाय, इतना मजा तो खुलकर पत्नी के साथ करने में नहीं आता था। जितना अपनी ही खूबसूरत पत्नी के साथ चुपके से करने में जो मजा आ रहा है।
इससे पहले साहिल और आगे बढ़ता, तभी अचानक प्रिया की आंख खुल गई। वो उसने ये सब नजारा देखा, तो वो कुछ कहने लगी। लेकिन भी साहिल ने उसके होंठों पर अपने सुलगते होंठ रखकर उसकी जुबान बंद कर दी। और उसके होंठो का रस रगड़कर पीने लगा। प्रिया ने लाख खुद को छुड़ाने की कोशिश की.. लेकिन हवस की आग में जल रहे पति के जोश के सामने उसकी चल ना सकी। धीरे-धीरे साहिल ने प्रिया को भी पूरी तरह बेलिबास कर डाला। जबरदस्ती ही सही लेकिन आहिस्ता-आहिस्ता, प्रिया को भी मजा आने लगा। प्रिया ने जिस्म ढीला छोड़ दिया, तो साहिल का डंडा और भी सख्त होकर, हिलारे मारने लगा।,
उसने प्रिया के हाथों में अपना मोटा सख्त डंडा थमाया और उसके गोल सख्त संतरों का रस चूसने लगा। प्रिया की आंखें बंद हो गईं। फिर जैसे ही साहिल ने प्रिया की गदराई जांघों पर हाथ फिर और उसकी जांघों के बीच गुलाबी, जो थोड़ी गीली हो चुकी थी। वहां सहलाया, तो प्रिया के मुंह से मदहोशी भरी आवाज निकल गई, ‘‘स..स.. हाय! साहिल.. ’’ उसने पति को अपने ऊपर खींच लिया, ‘‘यहां हाथ से काम नहीं चलेगा। तुम्हारा मुर्गा कहां गया.. उसे कहो ना.. मेरी अंधेरी कोठरी में घुसकर प्यार की बांग दे..’’
सुनकर साहिल के चेहरे पर खुशी की चमक आ गई। उसने जोर प्रिया की पिछवाड़ी पर जोर तमाचा और बोला, ‘‘जो हुक्म मेरी रानी।’’
इस पर प्रिया थोड़ी चीखी, ‘‘उई इतनी जोर से मारा तुमने। दर्द हो रहा है।’’
इस पर साहिल भी बोला, ‘‘पिछवाड़ी में ये हाल है, जब तुम्हारी अगाड़ी सुजाऊंगा तो क्या हाल होगा तुम्हारा।’’
फिर तो साहिल ने प्रिया को ऐसे-ऐसे अंदाज में ठोका कि पहले तो प्रिया की हालत ऐसी हो गई कि जान ही निकल जायेगी। लेकिन धीरे-धीरे प्रिया को भी बहुत अच्छा लगने लगा। वो नीचे से उचक-उचक कर पति का साथ देने लगी, ‘‘ओ साहिल.. और जोर से.. रूकना मत.. बहुत मजा आ रहा है। बस करते रहो.. मैं जल्दी ही अपने प्यार की आखिरी मंजिल पर पहुंचने वाली हूं।’’
साहिल समझ गया कि प्रिया का मामला निपटने वाला है। वो जल्दी ही संतुष्ट होने वाली है। फिर तो दे घपा-घप घपा-घप साहिल लगा रहा और फिर दोनों एक साथ बिस्तर लुढ़क गये। यानी दोनों ही एक साथ पानी-पानी हो गये थे। दोनों की जिस्म की जरूरत पूरी हो गई थी।,
अब प्रिया पति के सीने पर सिर रखकर उसे सटकर लेटी हुई थी। प्रिया की नीचे की घाटी और उपर के संतरे साहिल को अपनी छाती पर साफ महसूस हो रहे थे। बेशक साहिल का मामला अभी-अभी निपट गया था। लेकिन खूबसूरत प्रिया की मखमली जिस्म का एहसास अपने जिस्म में पाकर उसे बड़ा अच्छा लग रहा था। तभी प्रिया बोली, ‘‘सुनो साहिल। मैं इतनी बुरी नहीं हूं। मुझे पता है तुम्हारा बहुत मन करता है। तुम मुझे प्यार भी बहोत करते हो। लेकिन मैं क्या करूं। मैं वाकई अपने शरीर से बहुत परेशान रहती हूं। मेर मन करता है मैं तुम्हें खुश रखूं। लेकिन मेरे साथ बहुत समस्याएं चल रही हैं।’’
‘‘कैसी समस्याएं।’’ साहिल ने पूछा।
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तो थोड़ा सीरीयस बोली प्रिया, ‘‘वही समस्याएं जिसे तुम बहाना कहकर मुझसे लड़ते रहते हो। मुझ भला-बुरा कहते रहते हो।’’
साहिल को समझ आ गया और वो बोला, ‘‘अच्छा.. वो तुम्हारा हमेशा कमजोरी, थकान, दर्द, पीरियड्स की परेशानी.. सफेद पानी की प्रॉब्लम.. इसी की बात कर रही हो ना तुम।’’
‘‘हां साहिल।’’ प्रिया थोड़ा दुखी स्वर में बोली, ‘‘तुम हमेशा टालते रहे। इसलिए मेरा मन तुम्हारी ओर से खट्टा होने लगा। मुझे यही लगने लगा कि तुम बस मेरे जिस्म से प्यार करते हो। मेरी भावनाओं और मेरी हेल्थ से तुम्हे कोई लेना-देना नहीं है। तुम्हें बस ठुकाई चाहिए.. मेरी नीचे की दुनियां की सैर चाहिए। लेकिन तुम भूल गये हर एक चीज मैंटिनेंस मांगती है। सर्विस मांगती है। जैसे कोई नई कार कर खरीदता है। उसके मजे लेता है.. लेकिन उसकी मेंटिनेस पर भी ध्यान देता है।’’
प्रिया घुमावदार बातें साहिल के समझ में आ गई। वो बोला, ‘‘तुम सही कह रही हो प्रिया। मुझे लगा तुम वाकई बहाने बनाती हो। शायद तुम्हारा मन भर गया है ठुकाई से और मुझसे। इसलिए तुम बिस्तर पर मुझसे दूर भागती है। पर अब ऐसा नहीं होगा।’’ उसने प्रिया के होंठों को चूमते हुए कहा, ‘‘मैं तुम्हारी इन सारी समस्याओं को ठीक कर दूंगा।’’
इस प्रिया भी साहिल के होंठों को चूमते हुए बोली, ‘‘ठीक है, मेरे जानू। मैं भी आज वादा करती हूं तुमसे। ये दिसंबर का महीना चल रहा है ना। जनवरी से यानी नये साल से मैं तुम्हारी नई, लेकिन पहले वाली प्रिया बनकर दिखाऊंगी। जैसे पहले देती थी,, उससे भी बढ़कर तुम्हें दूंगी। तुम जैसे चाहोगे वैसे दूंगी। उठा के लेना, लेटा के लेना, झुका लेना.. खड़ी करके लेना.. हर तरह से तुम्हारी पूरी तस्सली करूंगी।’’?
‘‘सच कह रही प्रिया।’’ साहिल से जैसे अपने कानों पर विश्वास ही नहीं हुआ, ‘‘तुम वाकई नए साल से नया माल बन जाओगी।’’
साहिल के मुंह से माल सुनकर प्रिया हंस पड़ी, ‘‘तुम भी ना ये टपोरी गिरी वाली भाषा बोलकर मजे ले रहे हो।’’
साहिल के मुंह से माल सुनकर प्रिया हंस पड़ी, ‘‘तुम भी ना ये टपोरी गिरी वाली भाषा बोलकर मजे ले रहे हो।’’
‘‘वो छोड़ो प्रिया तुम सच कह रही हो ना।’’
‘‘हां बाबा हां.. अब क्या लिखकर दूं क्या?’’
इस पर साहिल अपने तोते को सहलाते हुए बोला, ‘‘नहीं मुझे अभी साबित करके दिखाओ। यानी मुझे एक बार फिर से तुम्हारी लेनी है। और करते वक्त मुझे बताओ नये साल से तुम कैसे-कैसे दोगी।‘‘
‘‘हूं.म.. बड़े चालाक लोमड़ी हो तुम।’’ पति की बच्चों वाली जिद पर प्रिया भी मुस्कराये बगैर नहीं रह पाई। वो बोली, ‘‘ठीक है, आ जाओ फिर।’’ फिर थोड़ा सीरियस बोली, ‘‘लेकिन तुम भी मुझसे वादा करो, तब मेरी समस्याएं ठीक नहीं हो जाती। तुम आज के बाद जिद नहीं करोगे। कोई जबरदस्ती नहीं करोगे और ना ही नाराज होगे।’’
साहिल ने भी वादा कर लिया.. और वाकई नये 31 दिसंबर की रात जैसे ही 12 बजे और नया साल लग गया। साहिल के हाथो में मानों वाकई नया माल लग गया। प्रिया ने कोई बहाना नहीं बनाया.. ना कोई सिर दर्द, बदन दर्द, कमजोरी, थकान, पीरियड्,, ब्लीडिंग और सफेद पानी.. कुछ नहीं। बल्कि पति को नये साल की जोरदार मुबारकबाद बैडरूम में अपने जिस्म से दी..
दोस्तों आप सोच रहे होंगे ये सब कायापलट हुआ कैसे। दरअसल साहिल ने इंटरनेट पर इन सभी समस्याओं का समाधान ढूंढ लिया था। उसे एक आयुर्वेदिक मेडिसन वैनीटल (VANITAL) के बारे में पता चला था। जो खास लेडिस प्रॉब्लम के लिए ही काम करती थी। महिलाओं की हेल्थ को ठीक रखने में मदद करती थी। प्रॉब्लम वही, प्रिया अक्सर बताया करती थी। वो सारी समस्याएं ठीक हो गई थीं। यूं तो दवा का कोर्स टाइम तीन महीने का था। लेकिन साहिल ने दवा को आजमाने के लिए.. पहले एक महीने का कोर्स मंगाया था। फिर जब उसे नये साल में अपने बेडरूम में रिजल्ट देखन को मिल गया। तो उसे दो महीने का कोर्स और मंगा लिया था।
आज प्रिया और साहिल दोनों साथ में खूब सर्दियों का मजा लेते हैं। और हां.. अब वो बरसात और गर्मियों का मजा भी लेते रहेंगे। क्योंकि अब सब ठीक हो गया है ना..