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एक दिन धीरज मुझे अपने घर ले आया। उसके घरवाले किसी शादी में गए हुए थे। हम दोनों ने पहले ही सारी सैटिंग बिठा ली थी। धीरज सिर दर्द का बहाना बनाकर शादी में नहीं गया। क्योंकि उसका इरादा तो कुछ और ही था, जिससे मैं भी अच्छी तरह वाकिफ थी और मेरी बातों से आप भी समझ ही गये होंगे। जी हां सही समझा आपने। धीरज आज फिर से अपना धीरज खोना चाहता था। मुझे अपने सख्त मोटे डंडे से खूब कूटने वाला था।
मैं जैसे ही धीरज के घर पहुंची धीरज ने ना पानी पूछा और ना कुछ चाय-कॉफी या ठंडा वगैरह की फौरमैलिटी की। मैंने उस समय टाइट जींस पहनी हुई थी और ऊपर बदन पर बदन से सटी हुई एकदम टाइट टीशर्ट डाल रखी। जिसमें से मेरे दोनों सख्त गोल संतरे ऐसे नजर आ रहे थे, मानों हाथों में ही आ जायेंगे। टाइट जींस में मेरी पिछवाड़ी भी ऐसे उठी हुई थी कि, जिसे देखकर धीरज का डंडा भी पैन्ट के अंदर उठने लगा था। जिसे मैंने साफ महसूस कर लिया था।
मैं कुछ कहती इससे पहले ही धीरज ने तपाक से दरवाजे की कुन्डी लगाई और मुझे बाहों में लेकर जोर से मेरे गुलाबी होंठों पर एक किस्स कर दिया। मैं अभी संभल भी नहीं पाई थी, उसने मेरे दोनों गोल संतरो को मेरी टीशर्ट से आजार कर दिया और मजे लेकर उनका रस ऐसे चूसने लगा, मानो सारा रस ही आज निचौड़ डालेगा।
मुझे भी मजा आने लगा। मैं भी राज के मोटे सख्त जानवर को पैन्ट के ऊपर से ही सहलाने लगी। ये देखकर धीरज ने अपने शैतान जानवर को पैन्ट की कैद से बाहर निकाल दिया। फिर मेरी ओर कुछ इशारा करते हुए देखने लगा। मैं समझ गई कि धीरज क्या चाह रहा है।
मैं नीचे बैठ गई और उसके सख्त जानवर को अपने मुंह और साँसों की गर्मी से शांत करने लगी। धीरज को बड़ा मजा आने लगा। उसने मेरे बालों को कसकर पकड़ा और अपने जानवर के मुँह में बुरी तरह सटा दिया। मेरे मुंह से गौं गौं की आवाजें आ रही थीं। मुझे लगा कि कहीं मैं उल्टी ना कर बैठूं, लेकिन धीरज की खुशी के लिए मैंने सब बर्दाश्त कर लिया।
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फिर हम दोनों पूरी तरह बेलिबास हो गये। इसके बाद पहले धीरज ने सोफे पर, उसके बाद जमीन पर और आखिरी में बैड पर मुझे खूब पेला। ऐसे-ऐसे आसन में बजाया कि मैं चारों खाने चित्त हो गई। मेरी बुरी हालत कर दी थी धीरज ने। मैं कम से कम 2 घंटे धीरज के घर पर रूकी थी।
लेकिन इन दो घण्टों में धीरज ने मुझे 3 बार पेलकर रख दिया था। हालत तो मेरी बेशक खराब थी, लेकिन सच कहूं तो मजा भी बहुत आया था। धीरज अच्छा-खासा मर्द था। मुझे लगा शादी के बाद तो मेरी हर रातें ऐसे ही धीरज के साथ गुजरेंगी। कितना मजा आयेगा तब।
खैर सबकुछ करने के बाद धीरज मुझे एक रेस्टोरेंट में ले गया, जहां हम दोनों ने कोल्ड ड्रिंक पी और खाना-पीना खाया। उसके बाद बाइक से ही धीरज ने मुझे मेरे घर से थोड़ी दूर पहले ही छोड़ दिया।
दोस्तों उस दिन के बाद से ना जाने धीरज को क्या हो गया था, वो मुझसे नजरें चुराने लगा था।
मैंने उससे बहुत पूछा, मगर वो शांत रहता था। अब तो मुझे पेलना तो छोड़ो, मुझे छूता भी नहीं था। यहां तक कि जब मैं कोई शरारत उसके बदन के साथ करती, तो वो नाराज होने लगता। कहता, मत करो रागिनी।
ये सब अच्छा नहीं। मुझे लगने लगा शायद धीरज का मुझसे मन भर गया है। उसकी जिंदगी में कोई और लड़क आ चुकी है।
एक दिन मैंने रोते हुए उससे बहुत पूछा, तो वो मुझे बताने पर मजबूर हो गया। उसने कहा, मैं बेवफा नहीं हूं रागिनी। ना ही कोई और लड़की मेरी जिंदगी में आई है। मेरे लिए सबकुछ तुम ही हो।
तो फिर अब मुझसे दूर और शांत क्यों रहते हो। पहले वाले धीरज को क्या हो गया है?
फिर धीरज ने रोनी सी सूरत बनाते बताया, दरअसल रागिनी मुझे कई दिनों से, बल्कि महीने से ऊपर हो गया है। नाईट फॉल हो रहा है मुझे। लगभग हर रात को ही मेरा पानी मेरे कच्छे में ही निकल जाता है। मैं सपने में भी तुम्हारे साथ वो सब करता हूं, जो दिन में करता हूं।
यहां तक कि अब तो हालत ये है कि अगर मुझे कोई गंदे सपने भी नहीं आते हैं, तो भी मेरा वीर्य निकल जाता है। मैं अंदर से खुद कमजोर महसूस करने लगा हूं। हर रात की चिपचिपाहट से परेशान हो चुका हूं।
ऐसे में, अगर मैं तुम्हारे साथ जिस्मानी संबंध बनाकर भी वीर्य बहाता रहूंगा तो एक दिन खोखले शरीर का हो जाऊंगा।
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इसपर मैंने भी एक गहरी सांस ली। फिर थोड़ा मुस्कराते हुए बोली, तो बस इतनी सी बात के लिए तुम परेशान हो रहे थे। मुझसे दूरी बना रहे थे। तुम्हें ये इतनी सी बात लगती है रागिनी। धीरज ने कहा, तो मैंने बताया, दरअसल मैं और मेरा भाई हम दोनों आपस में बहुत फ्रैंक हैं। मैं उसे अपने छोटे भाई ही नहीं, बल्कि बेटे की तरह भी मानती हूं। वो अभी 16 साल का है। 15 साल की उम्र में उसे भी नाईट फॉल की समस्या थी।
वो हमेशा बुझा-बुझा रहने लगा था। पढ़ाई में भी उसका मन नहीं लगता था। अच्छे नंबर लाने वाला लड़का, अब बहुत कम नंबर लाने लगा था। स्कूल वगैरह से भी शिकायतें आ रही थीं। फिर एक दिन मैं मम्मी-पापा से छुपकर अकले में उसे पुचकार कर प्यार उसकी समस्या पूछी। तो उसने मुझे सब बता दिया। मैं समझ गई कि मामल तो वाकई गंभीर है। लेकिन मैं हारी नहीं और मोबाइल पर ही इसका हल ढूंढने लगी।
एक दिन मुझे काहन आयुर्वेदा कम्पनी के शुक्रकिंग (SHUKRAKING) के बारें पता चला जोकि नाईट फॉल की आयुर्वेदिक दवा थी। काफी तारीफ और फायदे जानने के बाद मेरा विश्वास बढ़ा और मैंने उसके लिए गुप्त रूप से दवा ऑर्डर कर दी। घर में किसी को कुछ पता नहीं चल पाया। मेरे भाई ने इस दवा को खाना शुरू किया और 10 से 15 दिन में ही उसे आराम मिलना शुरू हो गया। 30 से 40 दिन के अंदर तो वो ऐसे चेन्ज हो गया कि पूछो ही मत। मुझे लगा मुझे मेरा पहले वाला छोटा भाई फिर से मिल गया है।
इसके बाद धीरज ने भी ऐसा ही किया और वो धीरे-धीरे पूरी तरह ठीक हो गया। अब फिर से मैं और धीरज बड़े जोश के साथ ताता तुन्ना करते हैं। हाय कसम से बड़ा मजा आता है। धन्यवादा शुक्र किंग।